पूजन एवं परम्पराओं पर होगा वैचारिक मंथन
निज संवाददाता
भोपाल, 27 दिसम्बर। द्वादश ज्योतिर्लिंग सम्मेलन शैव महोत्सव के रूप में 5 से 7 जनवरी तक श्री महाकाल मंदिर उज्जैन में मनाया जावेगा। यह आयोजन भारत सरकार एवं मध्यप्रदेश सरकार के संस्कृति विभाग द्वारा श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के संयुक्त तत्वावधान में उज्जैन में होगा।
शैव महोत्सव के प्रथम दिन भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी। महोत्सव में भारत के वैदिक विद्वान को वैदिक अलंकरण सम्मान दिया जाएगा। सभी मंदिरों के अधिदैविक, अधिभैतिक एवं आध्यात्मिक महात्मय, पूजन एवं परम्पराओं पर चर्चा की जाएगी। इस दौरान विभिन्न सत्रों में कर्मकाण्ड, वेद-वेदांग, सामाजिक समरसता आदि विषयों पर संगोष्ठी आयोजित कर मंथन किया जाएगा। शैव महोत्सव का उद्देश्य एक ऐसा मंच तैयार करना है, जिसके माध्यम से बारह ज्योतिर्लिंगों के विषय में किसी भी स्थान पर कोई चर्चा होती है, तो धार्मिक एवं राष्ट्र उत्थान के महत्व को ध्यान में रखते हुए सभी एक साथ उस विषय पर सहमति दे सकें।
महोत्सव में प्राचीन परम्पराओं तथा पद्धतियों एवं सामाजिक समरसता का ध्यान रखते हुए जातिगत भेद दूर करने का संदेश दिया जाएगा। महोत्सव में धर्म, दर्शन, कर्मकाण्ड, प्रबन्धन, पूजा-पद्धति, उपासना, परम्परा आदि का आदान-प्रदान भी होगा। बारह ज्योतिर्लिंग के सम्मेलन में शैव के अतिरिक्त अन्य मंदिरों श्री तिरूपति बालाजी, श्री वैष्णव देवी, पद्मनाभ मंदिर, द्वारका, पुरी आदि के पुजारी एवं प्रबंधन अधिकारियों के अतिरिक्त आध्यात्मिक एवं सामाजिक संगठन के प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया जाएगा।
मंदिर प्रबन्ध समिति द्वारा सभी मंदिरों की अनादिकाल से चली आ रही पूजा-पद्धति, उत्सवों, परम्पराओं का संग्रह कर एक पुस्तक का प्रकाशन भी होगा। श्री महाकालेश्वर मंदिर समिति द्वारा शैव महोत्सव के सफल संचालन के लिए 17 उप-समितियां बनायी गई हैं।