अजीत जोगी को मिला हेलीकॉप्टर, 100 दिन करेंगे दौरा, लेकिन यदि आज चुनाव होते हैं तो …

44 सीटों पर बढ़त

8 सीटों पर बढ़त

36 सीटों पर बढ़त

विजय कुमार दास
रायपुर, 28 दिसंबर। छत्तीसगढ़ राज्य में मुख्यमंत्री के रूप में डॉ. रमन सिंह ने अपने 14 वर्ष सत्ता के पूरे कर लिए हैं और कांग्रेस रमन सिंह की सरकार को गिराने के लिए, पिछले दिनों विधानसभा सत्र में 168 मुद्दों के साथ अविश्वास का प्रस्ताव लेकर आई, लेकिन 24 घंटे रात और दिन अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के बाद अंतत: कांग्रेस को सदन में हारना ही पड़ा। डॉ. रमन सिंह के खिलाफ कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव जब सदन में रखा गया, तब ऐसा लगने लगा था जैसे भाजपा के विधायक डरे हुए हैं और अविश्वास प्रस्ताव कितना बड़ा है कि इससे सरकार गिर जाएगी, लेकिन डॉ. रमन सिंह का आत्म विश्वास कहिए या कार्य प्रणाली, कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ी और अविश्वास प्रस्ताव गिर गया। रमन सिंह की सरकार विधानसभा सदन में बहुमत से जीत गई, लेकिन सदन समाप्त होते ही छत्तीसगढ़ की राजधानी से लेकर डॉ. रमन सिंह के विधानसभा क्षेत्र राजनांदगांव तक इस बात को लेकर चर्चा और सर्वे का दौर चालू हो गया है कि छत्तीसगढ़ में अगली सरकार किसकी होगी। राष्ट्रीय हिन्दी मेल ने रायपुर में अपनी टीम के साथ पूरे 27 जिलों में सर्वे का काम शुरू कर दिया है। प्रारंभिक दौर में जो रिपोर्ट मिली है वह चौंकाने वाली है, यदि आज की स्थिति में विधानसभा चुनाव होते हैं तो छत्तीसगढ़ राज्य में भारतीय जनता पार्टी के ब्रांड बन चुके मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह कांग्रेस छोड़कर छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस नया दल बनाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी और कांग्रेस के चार नेताओं को मिलाकर बना एक समूह जिसमें सबसे पहले चरणदास महंत जो पूर्व केन्द्रीय मंत्री हैं और पार्टी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष भी हैं, दूसरे विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव, तीसरे विधायक सत्यनारायण शर्मा और चौथे नंबर पर पार्टी के वर्तमान प्रदेशाध्यक्ष भूपेश बघेल को मिलाकर तीन राजनीतिक शक्तियां सामने आईं हैं। जहां तक सवाल है पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी का तो उनकी नई पार्टी छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस लगभग आठ सीटों पर जीतने की स्थिति में पहुंच गई है, जो सरकार बनाने वाली दोनों बड़ी राजनीतिक पार्टियों के समीकरण बिगाड़ सकती है। जहां तक सवाल है रमन सिंह सरकार के खिलाफ एंटी इन्कमबैंसी फैक्टर का तो छत्तीसगढ़ में इसका प्रभाव मात्र 54 प्रतिशत है, जिसे सालभर के अंदर रमन सरकार कम करने में इसीलिए कामयाब हो जाएगी, क्योंकि विकास के मॉडल को मुख्यमंत्री ने अभी से अपना चुनावी हथियार बना लिया है।
राष्ट्रीय हिन्दी मेल को मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री के रूप में पहली पसंद आज भी भाजपा के नेता के रूप में डॉ. रमन सिंह हैं, जिन्हें 44 प्रतिशत लोग अच्छा मुख्यमंत्री मानते हैं, जबकि दूसरे नंबर पर डॉ. चरणदास महंत हैं जिन्हें 38 प्रतिशत लोग मानते हैं कि वे कांग्रेस के बेहतर चेहरा हो सकते हैं। मुख्यमंत्री के रूप में तीसरी पसंद स्वाभाविक है पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ही होंगे जिन्हें आज भी 18 प्रतिशत लोग अपना चहेता मुख्यमंत्री मानते हैं। वैसे भी देखा जाए तो अजीत जोगी के सक्रिय बने रहने से छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार विशेषकर डॉ. रमन सिंह को ही उसका फायदा मिलेगा। यहां आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी को 100 दिन दौरा करने के लिए कल से एक हेलीकॉप्टर उपलब्ध रहेगा। परंतु किसी को यह नहीं मालूम कि अजीत जोगी को यह हेलीकॉप्टर कौन उपलब्ध करा रहा है। सूत्रों का कहना है कि छत्तीसगढ़ के उद्योगपति तो कम से कम अजीत जोगी को हेलीकॉप्टर उपलब्ध नहीं कराएंगे। निश्चित रूप से बाहरी उद्योगपतियों के समूह ने जोगी के लिए यह बड़ा इंतजाम किया है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के सूत्रों ने इस बात को सिरे से खारिज कर दिया है कि डॉ. रमन सिंह के कहने पर किसी उद्योगपति ने अजीत जोगी को हेलीकॉप्टर दिया होगा। और यह बात सही भी है कि रमन सिंह क्यों कहेंगे, किसी को कि वह जोगी को हेलीकॉप्टर दे। लेकिन अजीत जोगी का 100 दिन का दौरा छत्तीसगढ़ में कांग्रेस और भाजपा दोनों के लिए आश्चर्य में डालने वाला विषय है। कांग्रेस के उपरोक्त चारों नेताओं का समूह यह समझ रहा है कि जोगी के दौरे से भाजपा को नुकसान होगा तो दूसरी ओर डॉ. रमन सिंह समझ रहे हैं कि जोगी जितना दौरा करेंगे, उतना ही ज्यादा नुकसान कांग्रेस को होगा। राष्ट्रीय हिन्दी मेल के ताजा सर्वे रिपोर्ट में यह बात खुलकर सामने आई है कि डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में भाजपा को 44 सीटें, कांग्रेस को 36 सीटेंं और अजीत जोगी की छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस को 8 सीटें तथा अन्य को भी कुछ सीटें मिलने का रूझान है। आने वाला समय बताएगा कि छत्तीसगढ़ में राजनीतिक परिदृश्य क्या होगा। हमारा सर्वे कह रहा है कि जो जितना मेहनत करेगा, वह उतना ही आगे जाएगा। जहां तक सवाल है राजनैतिक दृढ़ इच्छा शक्ति के साथ काम करने का तो उसमें आज की तारीख में रमन सिंह सबसे आगे हैं, जबकि दूसरे नंबर पर पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की सक्रियता झलकती है। रहा सवाल कांग्रेस का तो सूत्र कहते हैं कि कांग्रेस बिना मेहनत किए एंटी इन्कमबैंसी फैक्टर के भरोसे सत्ता में आना चाहती है। कांग्रेस की सक्रियता भाजपा और छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस की तुलना में कम नहीं है लेकिन एकजुटता के अभाव का फायदा उठाकर डॉ. रमन सिंह और भाजपा के विधायकों का आगे चलना आश्चर्य की बात नहीं है। हालांकि डॉ. रमन सिंह सरकार के 9 मंत्री और 24 विधायकों के खिलाफ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने एक गोपनीय रिपोर्ट तैयार की है, जिसके चलते भाजपा में 33 विधायकों का टिकिट कटना लगभग तय है।