भारतीय प्रांतों एवं देश के आसपास की सन् 2018 की भविष्यवाणी
संवत 2075 शाके 1939 वर्ष राजा सूर्य मंत्री शनि परस्पर विरोधी राज तंत्र में सर्वस्त्र अशांति, आतंक, अराजकता, भय, विवाद, तोड़-फोड़, हिंसक घटना अन्तरिक्ष में युद्धोत् की विभीषका त्रस्त करेगी तथा भय से प्रजा भागती-भागती फिरेगी। बारुद के ढेर जलाने के प्रयास होंगे। कश्मीर समस्या और भी उलझ जायेगी तथा पश्चिमी देशों में आतंकवाद पूरे विश्व में चिन्ता का विषय होगा पड़ोसी देश सीमा विवाद में पड़कर युद्धविचार तथा लडऩे को तत्पर रहेंगे। सैन्यवाद परम आवश्यक जान पड़ती है। अस्त्र-शस्त्र तैयार रखना चाहिये। वार्षिक गृह चाष्ट दैहिक-दैनिक यौगिक नित्य उत्पत्ति का संकेत गृह दे रहे हैं। आतंकी, देश, शांति, सद्भाव को ठुकरा देवेंगे। समृद्ध देश मिलकर विश्व समुदाय विनाशक ताकतों आतंकियों का मुकाबला करेंगे तथा विश्वयुद्ध के बीज बेये जायेंगे। काल के गाल में असंख्य जीव समा जायेंगे। विकृत स्थिति दूषित जलचर पृथ्वी तत्त्व की क्षति विषैली गैसों से पैदावार में कमी होगी। अतंरिक्ष में भयंकर विस्फोट युद्धोत्पात् भारी क्षति के कारण बन सकते है। मेघेष दुर्गेश शुक्र बना हैं। अभी तूफान, बवंडर अतिवृष्टि, समुद्री तूफान, झंझावत, भूकंप की त्रासदी ज्वालामुखी विस्फोट अग्नि दास अतंरिक्ष में युद्ध असंभावी कुचक्र घटनाचक्र यातायात में विघ्न बाधा कोई बड़ा हादसा यादगार बनेगा। इस वष्र मंगल शनि की युति तथा गुरु शुक्र लंबे समय तक चलेगी तथा देश-विदेश तथा प्रांतो में तथा देशांतरों में राजनैतिक सामाजिक तथा प्राकृतिक तौर पर काफी उथल-पुथल करायेगी। किस देश का कौन सा क्षेत्र उजड़ जाये कहा नहीं जा सकता तथा देश तथा विश्व में राजनैतिक दलों में आतंरिक कलह गठजोड़ टूट-फूट बनेगी गठबंधन करके प्रभावित नेता राजनैतिक लाभ लेना चाहेंगे तो लाभ ले पाना मुश्किल होगा। किसी प्रदेश नगर का नष्ट होना संभावित हैं। गृहाधीनं जगत सर्वं, गृहा धीना नरा वरा: । सृष्टि रक्षण संवरा, सर्वस्यादिगृहा नुगा।। सृष्टि सृजन, निर्वाण संरचना, रक्षण, भरण पोषण तथा वृद्धि विनाश के कारण हेतु सूर्यादि समस्त गृह नक्षत्र मंडल तारा पुत्र हैं। गुरू बृहस्पति जी के अनुसार यह सारा जगत गृहों के प्रभावाधीन हैं।संसार में समस्त प्राणी मात्र गृहों के प्रभाव से फलते फूलते हैं। दुप्रभाव के कारण भविष्य के गर्त में समा जाते हैं।
रवि सूते यदि मंत्रणि प्रार्थिवा विनय संरहिता बहु दु:खदा। तारीख 14 अप्रैल 2018 को दिन में 8/11 बजे सूर्य देव अश्वनी नक्षत्र मेष राशि में प्रवेश करेंगे। तत्कालीन वृष लग्न की कुण्डली साथ में दृष्टव्य हैं। लग्नेश शुक्र सुखेश सूर्य के साथ क्योंकि भावेश अपने लाभेश गुरु से संबंध बना लिया हैं। आपने लाभेश गुरु संबंध बना लिया हैं। गृह परिषद के चुनाव में शुक्र मेघ पति धर्म पति चुने गये हैं। केन्द्र के बाहर अस्तित्व हीन दुर्गेश की रक्षा तो क्या करेगा उल्टा कोई देश जमीन हड़पने का प्रयास करेगा तो यह उसकी मदद करने के लिए तैयार हो जायेगा। शुक्र स्वभावत भबेद्ध वृत्ति का स्त्रीकारक गृह हैं तो यह तापस वृत्ति वालों की भरपूर मदद करेगा। पश्चिम दिशा में काल कल वित्त नरसंहार भारी विनाश पूर्व में राजा विगृह, उत्तर में आंधी, प्राकृतिक प्रकोप भूस्खलन, भूकंप, अग्निदाह, आंधी, तूफान, बवंडर से क्षति और दक्षिण में अकाल के हालात खराब होना कही बनाया गया यानि लिखा हैं।
श्लोक…….
वृष पश्चिमें काल, पूर्वश्यामराज विगृह।
उगधन्याद्धे निष्पत्ति, दक्षिणास्यां विकाष्टत।
वर्षेश राजा सूर्य सुखेश होकर सौर वर्ष कुण्डली में व्ययभाव में बैठा है। इस वर्ष सूर्य, शुक्र, गुरु, मंगल और शनि पांचों प्रमुख गृह स्थान में बैठे है, जो सही नहीं हैं। समूचे संसार की सात्विक सोच में कमी आयेगी अन्तर्राष्टीय विश्व समुदाय में उग्रवाद अपनत्व परिपूर्ण संहारात्मक प्रवृत्ति को बल मिलेगा। यत्र-तत्र सर्वत्र चौराग्नि बाधायें नाना प्रकार के दु:ख सतायेंगे। राष्ट्रनायक सही समझ को स्वीकार नहीं करेंगे। दूसरों को दु:ख देने में सुख का अनुभव करेंगें। कोई प्रभावी नायक नष्ट हो सकता है। शनि के मंत्री का पद ऐसा कोई रवि सुते यदि मत्रिणा पार्थिवा विनय से हरिता बहु दु:खदा न जलदा-जलदा जनता पदा जन पदा।।
स्लामिक वर्ष 1539 की शुरुआत 22 सितंबर 2018 शुक्रवार स्लामिक वर्ष 1439 सायंकाल 18/14 बजे मीन लग्न से हो रही है। साथ ही कुण्डली देखने योग हैं। कुडंली कालसर्प येग से गृसित हैं। स्लामिक वर्ष के बाद शाह शुक्र छठे भाव में मंगल के साथ त्रस्त एवं शनि से हष्ट हैं। बौद्धिक सम्पदा वाले पांचवें भाव में राहु से गृहण लग रहा हैं। इस योग को बुद्धि भ्रामक उत्तेजनात्मक मारधाड़, तोडफ़ोड़ वाला माना गया है। पश्चिम संभागीय दुष्ट स्लामिक बाहुल्य देशों में इस वर्ष सर्वाधिक हिंसक उपद्रव अवश्य होंगे। किसी पर कुदरती आपदा आ सकती है। खाड़ी के देशों में युद्धोत्पाती षडय़ंत्र रचा जा सकता है।
स्लामिक वर्ष 1440 की शुरुआत 12 सितंबर 2018 बुधवार सायंकाल 18/24 बजे कुंभ लग्न में हो रही है। तत्कालीन गृहस्थान की कुण्डली इस लेख के साथ दृष्टव्य हैं। ध्यान देवें सन् 2018 में चुने गये राजा सूर्य मंत्री शनि दोनों ही लग्न को देख रहे है। स्लामिक वर्ष के बादशाह बुध तथा लाभेष धनेश गुरु भी लग्न को पूर्ण दृष्टि से देख रहे है। इससे स्पष्ट हैं कि लग्न बलवान हैं। खाड़ी के देश सफलता पूर्व युद्ध तथा उत्पात हेतु तैयार रहेंगे। कुंभ लग्न में इस वर्ष तेल कूप रासायनिक सामग्री में अग्नि गैस स्त्रोतों से विवाद को लेकर झगड़े होंगे। आतंकवाद को खूब बढ़ावा मिलेगा। प्रभावी देश मिलकर लडऩे का प्रयास करेंगे। फिर भी सफलता नहीं मिलेगी। किसी देश में आश्यर्चजनक बदलाव देखने को मिलेगा। अन्यत्र रुस, चीन, पाकिस्तान भी एवं भारत भी अछूता नहीं रहेगा। कश्मीर, हैदराबाद, तेलंगाना तथा तमिलनाडु के मामले में सचेत रहना चाहिए। सरकार को मजबूत बन नये नियम लागू करने पड़ेंगे। इस वर्ष अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय में मुख्य युद्ध आतंकवाद और परमाणु निरस्तीकरण का रहेगा। ईश्वर तथा आदि शक्ति से प्रार्थना हैं कि राष्ट्रनायकों को सद्बुद्धि प्रदान करें ताकि भारी विनाश से बचा जा सके।