थिएटर ओलम्पिक में शिरकत करेंगे 30 से ज्यादा देश: मनोज श्रीवास्तव

संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव मनोज श्रीवास्तव से बातचीत

आरती शर्मा
भोपाल, 29 दिसंबर। संस्कृति विभाग द्वारा एक के बाद एक अंतरराष्ट्रीय स्तर के आयोजनों से प्रदेश का नाम पूरी दुनिया में गूंजने लगा है। दुनिया भर के रंगमंच को प्रदेश अपने हृदय में समेटने जा रहा है। दरअसल प्रदेश में अगले वर्ष मार्च माह में थिएटर ओलम्पिक होने जा रहा है। इस नए कांसेप्ट पर संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव और इन भव्य आयोजनों के रचयिता और डिजाइनर मनोज श्रीवास्तव ने कई बातें सामने रखीं। पेश है उनसे बातचीत के कुछ अंश:
क्या है ये थिएटर ओलम्पिक?
ये बिल्कुल नया कांसेप्ट है। यह ओलम्पिक रंगमंच से जुड़े कलाकारों का मंच है। यह कला प्रेमियों और इस थिएटर आर्टिस्ट के लिए एक कुंभ जैसा है। योजना है कि देश-दुनिया के थिएटर्स को प्रदेश बुलाया जाए, ताकि संस्कृति के आदान-प्रदान और उसके आयामों को विस्तार मिले।
इस बारे में कितनी तैयारी हो चुकी है?
करीब 20 से अधिक देशों ने अपने रंगमंच और थिएटर कंपनियों ने इच्छा जताई है। संख्या और भी बढ़ेगी। अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त रंगमंच संस्थाओं के अलावा फेमस थिएटर आर्टिस्ट और कलाकार आएंगे। इसमें देश के ख्याति प्राप्त कलाकारों और थिएटर आर्टिस्ट को बुलाया जाएगा। प्रदेश के कलाकार और थिएटर गु्रप भी शामिल रहेंगे। अगले वर्ष मार्च माह में इसके आयोजन की प्लानिंग की जा रही है।
इससे पहले आपने दिव्यांगों को लेकर अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम आयोजित किया था, वह भी काफी सफल रहा था।
जी हां, सामाजिक न्याय विभाग के साथ मिलकर देश-दुनिया के दिव्यांग बच्चों को मंच प्रदान किया गया था। दिव्यांगों की कलात्मकता और सृजनात्मकता देखने लायक थी। दरअसल संस्कृति विभाग का मकसद ही यही है कि वह देश और दुनिया की संस्कृति और विचारों का आदान-प्रदान करें।