भोपाल में रानी कमलापति की विशाल प्रतिमा स्थापित की जाएगी: शिवराज

मुख्यमंत्री द्वारा बीसवीं राष्ट्रीय वनवासी खेल प्रतियोगिता का शुभारंभ
भोपाल, 29 दिसम्बर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि रानी कमलापति की विशाल प्रतिमा भोपाल में स्थापित की जाएगी। आजादी के आंदोलन में वनवासियों के संघर्ष और बलिदान का स्मरण करते हुये कहा कि आजादी की लड़ाई में वनवासी समाज ने अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि वीर शहीदों की स्मृति से प्रेरणा लेने के लिए प्रदेश सरकार ने वनवासी वीरों के स्मारकों का निर्माण करवाया है।
मुख्यमंत्री आज कमला देवी पब्लिक स्कूल भोपाल में आयोजित बीसवीं राष्ट्रीय वनवासी खेल प्रतियोगिता के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। श्री चौहान ने इस अवसर पर बिरसा भगवान, वीर टंट्या भील, भीमा नायक, रघुनाथ शाह, शंकर शाह, रानी दुर्गावती और कमलापति के संघर्ष और बलिदान का स्मरण किया। उन्होंने वनवासी कल्याण परिषद के संस्थापकों का स्मरण करते हुए देश में 3 हजार से अधिक खेल केंद्रों के संचालन, शिक्षा, स्वास्थ्य और समाज सेवा के क्षेत्र में परिषद की भूमिका की सराहना की।
मुख्यमंत्री ने प्रारंभ में ध्वजारोहण कर प्रतियोगिता का शुभारंभ किया और स्मारिका अरण्याजंली का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने खिलाडयि़ों का आव्हान किया कि खेल भावना के साथ सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करें। साथ ही आश व्यक्त की कि ओलंपिक खेलों में तीरंदाजी का स्वर्ण पदक भारत के खिलाडयि़ों को शीघ्र ही मिलेगा।
श्री चौहान ने कहा कि तीरंदाजी के प्रशिक्षण की उत्कृष्टतम सुविधा उपलब्ध कराने और महाकौशल के जनजातीय तीरंदाजों को प्रतिभा निखारने का अवसर देने के लिए जबलपुर में तीरंदाजी एकेडमी की स्थापना की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रतियोगिता में आए सभी खिलाड़ी राज्य के मेहमान हैं। इन खिलाडिय़ों को समय की उपलब्धतानुसार भोपाल और आसपास के क्षेत्रों का भ्रमण करवाया जाये।
खेल मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ने कहा कि प्रतियोगिता में शामिल होने वाले खिलाडिय़ों के प्रदर्शन की मध्यप्रदेश तीरंदाजी एकेडमी के कोच समीक्षा करेंगे। प्रतियोगिता में प्रदर्शन के आधार पर खिलाडयि़ों का एकेडमी में चयन किया जाएगा।
उन्होंने खिलाडिय़ों से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की अपेक्षा करते हुए बताया कि मध्यप्रदेश की तीरंदाजी एकेडमी उत्कृष्टतम है। एकेडमी में मध्यप्रदेश के 80 प्रतिशत और देश के अन्य क्षेत्रों के 20 प्रतिशत खिलाडयि़ों को तीरंदाजी प्रशिक्षण की सर्वश्रेष्ठ सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। उन्होंने प्रतियोगिता के आयोजन के लिए वनवासी कल्याण परिषद को बधाई देते हुए कहा कि खेलों को प्रोत्साहित करने के लिए मध्यप्रदेश सरकार द्वारा निरंतर कार्य किए जा रहे हैं। इसमें परिषद के सहयोग की भी अपेक्षा है। तीरंदाजी के ओलंपियन खिलाड़ी मंगल सिंह ने अपने अनुभवों से खिलाडयि़ों को निरंतर प्रयास के लिए प्रेरित किया।
खिलाड़ी को हार कर बैठना नहीं चाहिए। गलतियों से सबक लेकर निरंतर मेहनत करनी चाहिए। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता अतुल जोग ने बताया की 33 टीमें प्रतियोगिता में भाग ले रही हैं। इनमें आधुनिक खो-खो के 223 और तीरंदाजी के 316 खिलाड़ी शामिल हैं। इनमें 89 महिला खिलाड़ी हैं। कार्यक्रम के अध्यक्ष कृपा प्रसाद सिंह ने कहा कि नए भारत के निर्माण में वनवासी समुदाय का योगदान प्रमुख है। नवीन भारत के निर्माण में जिस तरह मध्यप्रदेश की सरकार प्रयास कर रही है, उसी तरह का कार्य वनवासी अंचल में परिषद द्वारा खेल के क्षेत्र में किया जा रहा है।