बजट जारी होने के बाद भी सामग्री क्रय न कर पाने की स्थिति में लैप्स हो जाएगी राशि
उदित नारायण
भोपाल, 30 दिसम्बर। शासकीस विभागों में खरीदारी में पारदर्शिता लाने एवं भ्रष्टाचार को जड़ से समाप्त करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा त्रश्वरू (गवर्नमेंट ई-मार्किट) को प्रारंभ किया गया। बात मध्यप्रदेश की करें तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा भी प्रदेश में शासकीय खरीदी में भ्रष्टाचार मिटाने और पारदर्शिता लाने के लिए GEM को महत्व दिया गया और प्रदेश में लघु उद्योग निगम के स्थान पर से GEM भी खरीदी करने पर बल दिया गया जिसका परिणाम यह हुआ कि आज मध्यप्रदेश देश में कई राज्यों से GEM से खरीदी करने में आगे है।
GEM से खरीदी करने में विसंगतियां वहां उत्पन्न हो रही हैं, जहां बात नीतियों की आती है। कहा जा रहा है कि त्रश्वरू की नीतियां स्पष्ट न होने से विभागों में क्रय करने में असुविधा हो रही है। सबसे बड़ी बात यह है कि GEM के माध्यम से शासकीय विभागों द्वारा सामग्री क्रय करने में सामग्री की गुणवत्ता के लिए कोई ठोस मापदंड ही तय नहीं है। सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लघु उद्योग निगम से खरीदी पूरी तरह बंद करने का मन बना चुके हैं और सभी विभागों में GEM के माध्यम से ही समस्त सामग्री क्रय करने की बात हो रही है। विडंबना यह है कि शासन ने विभागों को बजट तो आवंटित कर दिया है, किन्तु त्रश्वरू से क्रय करने की नीति स्पष्ट न होने के कारण राशि लैप्स होने की संभावना भी है।
उदाहरण के लिए आयुक्त जनजातीय कार्य विकास कार्यालय द्वारा 16 करोड़, 83 लाख, 93 हजार का बजट आवंटित किया गया। यह राशि छात्रावासों एवं आश्रम में टेलीविजन, इन्वेटर, सीसीटीवी कैमरा, पुस्तकालय एवं खेल सामग्री क्रय करने हेतु जारी की गई। उल्लेखनीय है कि इस राशि के आवंटित होने संबधी पत्र क्रमांक/ बजट/ 8832/ 2017-18/ 30974 द्वारा 20 दिसम्बर 2017 को जारी किया गया है। सूत्रों की मानें तो प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी 15 जनवरी के बाद विभागों द्वारा सामग्री क्रय करने पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा, तब ऐसी स्थिति एवं अल्प समय में विभाग GEM से क्रय करके छात्रावासों एवं आश्रमों के लिए सुविधाएं कैसे उपलब्ध करा पाएगा एवं वहां रह रहे छात्रों के लिए खेल सामग्री की अनुपलब्धता होने की जिम्मेदारी किसकी होगी, यह बात सिर्फ एक विभाग की नहीं लगभग सभी विभागों में GEM के माध्यम से क्रय करने संबधी नीतियों में स्पष्ट उल्लेख न होने से असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
इनका कहना है
ऐसा नहीं है कि त्रश्वरू के माध्यम से खरीदी करने की नीति स्पष्ट नहीं है, विभाग द्वारा 120 विभाग प्रमुखों को विस्तृत प्रशिक्षण भी दिया गया है, विभाग सामग्री क्रय करने के लिए स्वतंत्र हैं, एवं शासन का स्पष्ट मत है कि GEM से भी खरीदी की जा सकती है।
बीएल कांताराव, प्रमुख सचिव, एमएसएमई