प्रदेश में पहली बार 53 दिनों तक बिजली की मांग 11 हजार मेगावाट से ऊपर
विशेष संवाददाता
भोपाल, ३१ दिसंबर। मध्यप्रदेश को ऊर्जा के सेक्टर में वर्ष-2017 बिजली की अधिकतम मांग एवं रिकार्ड सप्लाई के लिए हमेशा याद किया जाएगा। मध्यप्रदेश में पहली बार रबी सीजन में 53 दिन बिजली की अधिकतम मांग 11,000 मेगावाट से ऊपर रही, वहीं आठ दिनों तक बिजली की अधिकतम मांग 12,000 मेगावाट से ऊपर दर्ज हुई। इस वर्ष 17 नवम्बर को बिजली की अधिकतम सप्लाई 2355.12 लाख यूनिट रही। वर्ष 2017 में अभी तक की अधिकतम मांग 28 दिसंबर को 12,240 मेगावाट रही।
एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी के प्रबंध संचालक संजय कुमार शुक्ल ने कहा कि बिजली की अधिकतम मांग बढऩे का मुख्य कारण प्रदेश में कृषकों को 10 घंटे सतत व गुणवत्तापूर्ण बिजली सप्लाई है। वहीं नागरिकों को रोशनी के लिए 24 घंटे, सातों दिन बिजली की सप्लाई हो रही है। श्री शुक्ल ने जानकारी दी कि प्रदेश में पहली बार बिजली की अधिकतम मांग का 53 दिनों से लगातार बने रहना भी अपने आप में एक रिकार्ड है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बिजली की अधिकतम मांग की बिना व्यवधान के सफलतापूर्वक सप्लाई करना बेहतर प्रबंधन एवं सुदृढ़ ट्रांसमिशन व डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क के कारण संभव हुआ है।
कैसी रही बिजली की मांग
गुरूवार को जब बिजली की अधिकतम मांग 12,240 मेगावाट थी, उस समय मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी (इंदौर व उज्जैन संभाग) में बिजली की अधिकतम मांग 4,841 मेगावाट, मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी (भोपाल व ग्वालियर संभाग) में 4,149 मेगावाट और मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी (जबलपुर, सागर व रीवा संभाग) में 3,250 मेगावाट दर्ज हुई।
ऐसे हुई बिजली सप्लाई
प्रदेश में जब बिजली की अधिकतम मांग 12,240 मेगावाट दर्ज हुई, उस समय बिजली की सप्लाई में मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के ताप व जल विद्युत गृहों को उत्पादन अंश 3,312 मेगावाट, इंदिरा सागर-सरदार सरोवर-ओंकारेश्वर जल विद्युत परियोजना का अंश 195 मेगावाट, एनटीपीसी व डीवीसी (सेंट्रल सेक्टर) का अंश 3,286 मेगावाट, सासन अल्ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्ट का अंशदान 1,334 मेगावाट व आईपीपी का अंश 1,168 मेगावाट रहा। बिजली बैंकिंग से 1,867 मेगावाट व अन्य स्त्रोत जिनमें नवकरणीय स्त्रोत भी शामिल हैं, से प्रदेश को 1,078 मेगावाट बिजली प्राप्त हुई।
मांग में हुई ढाई गुना की वृद्धि
प्रदेश में 14 वर्षों में बिजली की अधिकतम मांग में ढाई गुना की वृद्धि हुई है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2003-04 में बिजली की अधिकतम मांग 4,984 मेगावाट थी। वहीं इस वित्तीय वर्ष में अभी तक यह मांग 12,240 मेगावाट तक पहुंच गई है। पिछले 14 वर्षों में अधिकतम मांग में ढाई गुना वृद्धि हुई है।