जिनकी बदौलत आया मप्र में फे्रंड्स ऑफ एमपी फोरम

राज्य प्रशासनिक सेवा के दो नौकरशाहों ने किया कमाल
विजय कुमार दास
भोपाल, 31 दिसम्बर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जब 30 जनवरी, 2015 को संयुक्त राष्ट्र अमेरिका की यात्रा पर रवाना हुए थे, तब किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि 1 फरवरी, 2015 को न्यूयार्क में फे्रंड्स ऑफ एमपी फोरम का गठन होगा। लेकिन फे्रंड्स ऑफ एमपी फोरम की कहानी बड़ी दिलचस्प है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने फे्रंड्स ऑफ एमपी फोरम की तैयारी के लिए अपने दो विश्वस्त नौकरशाहों को एक महीने पहले ही अर्थात जनवरी, 2015 में ही अमेरिका रवाना कर दिया था। उनका उद्देश्य था कि मध्यप्रदेश के ये दो नौकरशाह न्यूयार्क जाएं और फे्रंड्स ऑफ एमपी फोरम के लिए अप्रवासी भारतीयों का घूम-घूम कर चयन करें। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि इन दोनों नौकरशाहों में कोई भी ऐसा नहीं था, जो आईएएएस की सेवा सीधी भर्ती से आया हो। ये दो नौकरशाह वे हैं, जिनमें पहला नाम मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव 1991 बैच के एसके मिश्रा और दूसरा नाम वर्तमान में इंदौर नगर निगम के आयुक्त पद पर पदस्थ मनीष सिंह का है। इन्हें राज्य प्रशासनिक सेवा क्षेत्र में जीवट नौकरशाहों में गिना जाता है, ये जो ठान लेते हैं, उसे पूरा करके दिखाते हैं। लेकिन जनवरी के महीने में 2015 के उन दिनों को याद कीजिए, जब पूरा न्यूयार्क बर्फ के साये से ढंका होता था। मतलब दो-दो, तीन-तीन फीट बर्फीले अमेरिका में घूम-घूम कर फे्रंड्स ऑफ एमपी फोरम के लिए अप्रवासी भारतीय एवं उद्योगपतियों की तलाश करना केवल कठिन काम ही नहीं था, बल्कि दूभर था। और तो और, जिन औद्योगिक संगठनों को यह बताना कि मध्यप्रदेश में निवेश करने के लिए कंपनियों को क्यों रुचि लेनी चाहिए, यह एक बड़ा ही असंभव काम था। लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जिस विश्वास के साथ बर्फीले अमेरिका में उपरोक्त दोनों नौकरशाहों को भेजा, उनका काम आज सफलता के शिखर पर है। सूत्र बताते हैं कि प्रमुख सचिव एसके मिश्रा और इंदौर नगर निगम के आयुक्त मनीष सिंह ने उन दिनों फे्रंड्स ऑफ एमपी फोरम के सदस्यों को ढूंढऩे के लिए पूरी जान लगा दी थी, लेकिन महत्वपूर्ण यह है कि उद्योगपतियों को मध्यप्रदेश में रुचि लेने के लिए यह बताना जरूरी था कि वे मध्यप्रदेश क्यों आएं। सूत्र बताते हैं कि उन्होंने अमेरिका के औद्योगिक संगठनों में मध्यप्रदेश के डबल डिजिट ग्रोथ और कृषि विकास दर के 20 प्रतिशत होने का जमकर प्रचार किया और बताया कि इज ऑफ डूइंग बिजिनेस के लिए मध्यप्रदेश में कितनी संभावनाएं हैं। उपरोक्त दोनों नौकरशाहों ने मध्यप्रदेश के लैंड बैंक में 25 हजार हेक्टेयर भूमि के उपलब्ध होने का प्रमाण भी फे्रंड्स ऑफ एमपी फोरम के नए सदस्यों को उपलब्ध करा दिया। बहुत सारी ऐसी उपलब्धियां हैं, जिसमें सरप्लस पॉवर स्टेट अर्थात 17169 मेगावाट बिजली की उपलब्धता तथा 22000 मेगावाट बिजली 2022 तक के उत्पादन का लक्ष्य सब कुछ बताकर फे्रंड्स ऑफ एमपी फोरम के गठन की परिकल्पना को साकार किया। इसी का परिणाम था कि एक फरवरी, 2015 को न्यूयार्क में फे्रंड्स ऑफ एमपी फोरम की आधिकारिक वेबसाइट का शुभारंभ करते हुए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री ने सभी उन उद्योगपतियों को आमंत्रित किया, जो मध्यप्रदेश में रुचि रखते हैं। इसी का परिणाम है कि आगामी 3 और 4 जनवरी, 2018 को नए वर्ष की शुरूआत में व्यवसायिक राजधानी इंदौर में फे्रंड्स ऑफ एमपी फोरम का कॉन्क्लेव आयोजित किया गया है। 3 जनवरी, 2018 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान फे्रंड्स ऑफ एमपी फोरम इंदौर में उद्घाटन करेंगे जिसमें वे यह बताने में नहीं चूकेंगे कि मध्यप्रदेश में औद्योगिक विकास दर 8.4 प्रतिशत से ज्यादा है।
जनसंपर्क आयुक्त पी नरहरि से राष्ट्रीय हिन्दी मेल के प्रतिनिधि ने उपरोक्त कार्यक्रम के बारे में जब चर्चा की, तब उन्होंने कहा कि कार्यक्रम की तैयारी जोरों पर है और हमारी कोशिश होगी कि फे्रंड्स ऑफ एमपी फोरम के कॉन्क्लेव में आने वाले लगभग 250 विदेशी प्रतिनिधियों को संपूर्ण रुप से संतुष्ट करते हुए यह बताया जाए कि फे्रंड्स ऑफ एमपी फोरम के माध्यम से आने वाले उद्योगपतियों को नई औद्योगिक नीति के हिसाब से संपूर्ण सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। नरहरि ने बताया कि प्रमुख सचिव उद्योग एवं वाणिज्य मोहम्मद सुलेमान के नियंत्रण में कार्यक्रम संचालित होगा और उनकी कोशिश होगी कि जो यहां आए, वह अपना ब्रांड लेकर मध्यप्रदेश का उद्योगपति जरूर बने।