डेंजर जोन बने शहर के चौराहे

गलियों से सरपट भागते बाइकर्स दे रहे दुर्घटनाओं को न्यौता
बैतूल, 31 दिसम्बर। वाहनों की लगातार बढ़ते दबाव से शहर के कई चौराहे डेंजर जोन बन गए है। वहीं कुछ गलियों में सरपट वाहन दौड़ाते बाईकर्स आए दिन दुर्घटना का कारण बन रहे है। न यातायात पुलिस द्वारा ऐसे चौराहों को चिन्हित कर कोई व्यवस्था की गई है और ना ही तैनाती। ऐसे में डेंजर जोन बन चुके चौराहों पर हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। आलम यह है कि अंधे चौराहों से गुजरते वक्त कई मर्तबा बाईकर्स हार्न का भी उपयोग नहीं करते जिससे अचानक आमने-सामने की भिडंत की स्थिति भी बन रही है।
चौराहों पर नहीं है संकेतक
बैतूल शहर के चौराहों की यदि बात करें तो कुछ चौराहों के सौन्दर्यीकरण के लिए तो वर्षों से कार्य हो रहा है लेकिन इन चौराहो पर कहीं भी संकेतक नहीं है। इसके अलावा अंधे मोड़ और कोचिंग, स्कूल एवं अन्य इंस्ट्यूटट वाली गलियों से जुड़े चौराहो पर भी सुरक्षा के लिहाज से व्यवस्थाओं का अभाव है। शहर में दो दर्जन से अधिक ऐसे चौराहे है जो मुख्य सड़क की बाद वाली सड़क पर है जिन पर ध्यान देने की जहमत आज तक यातायात विभाग ने नहीं उठाई है।
ये है शहर के डेंजर जोन
वैसे तो बैतूल शहर के बारे में बात करें तो यह चारों दिशाओं में मात्र दो किमी के भीतर ही सिमटा हुआ है। घनी बसाहट और लगातार बढ़ते वाहनों के दबाव, यातायात स्टाफ की कमी और कई अन्य परिस्थितियों के कारण शहर की यातायात व्यवस्था कभी भी बहाल नहीं हो पाती है। मुख्य चौराहों पर तो यदा-कदा ट्रेफिक के जवान नजर आने और बीते दो महीनों से पुलिस विभाग द्वारा चलाए जा रहे हेलमेट अभियान के कारण रफ्तार पर अंकुश लगा है लेकिन यही बाईकर्स जब शहर के अंदर की गली और चौराहों से गुजरते है तो इनकी रफ्तार काफी तेज रहती है।
एचपी गैस एजेंसी मार्ग, रैन बसेरा चौक, करगिल चौक, एलआईसी के सामने, मुल्ला पेट्रोल पम्प चौक, हिराणी एंउ संस के सामने, दत्त मंदिर के पास चौराहा, एलएफएफएस की गली, डॉ राठी हास्पीटल के सामने, पंचवटी वाली गली आदि कुछ ऐसे रास्ते एवं चौराहे है जहां वाहन चालकों की रफ्तार को नियंत्रित रखने कोई प्रयास यातायात विभाग द्वारा नहीं किए गए है। इन स्थानों पर आए दिन वाहन आमने-सामने टकरा रहे है या फिर विवादों की स्थिति निर्मित हो रही है।