गुणवत्तापूर्ण सड़कों से मप्र का सर्वांगीण विकास

 आर.एस.मीणा
मध्यप्रदेश के विकास में पिछले बारह वर्ष अभूतपूर्व रहे हैं। इस अवधि में प्रदेश ने विकास के नये आयाम स्थापित किये हैं। मध्यप्रदेश के सर्वांगीण विकास में सहज रूप से सड़कों के विस्तार/उन्नयन की आवश्यकता को उजागर किया। विकसित मध्यप्रदेश में जहां वाहनों का आवागमन राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य राजमार्ग, मुख्य जिला मार्ग तथा अन्य जिला मार्गों पर कई गुना बढ़ा, वहीं विकास की रफ्तार ने वाहनों की रफ्तार में भी वृद्धि कर दी। उन्नत किस्म के अद्यतन वाहन मध्यप्रदेश की सड़कों पर दिखायी देने लगे, जिनके लिये उक्त गुणवत्ता के मार्गों की आवश्यकता पड़ी। वाहनों के बढ़ते दबाव तथा मार्ग की गुणवत्ता के सुधार के साथ-साथ एक चिन्ता मार्गों पर बढ़ रही दुर्घटनाओं की भी उत्पन्न हुई, जिसके लिए मार्ग की बनावट में भी आवश्यकतानुसार सुधार किया गया।
प्रदेश की वे योजनाएं, जिन्हें भारत सरकार ने सराहा
भारत सरकार की व्हीजीएफ योजनांतर्गत लाभ लेकर मध्यप्रदेश सर्वाधिक सड़कों के निर्माण में भी प्रथम रहा है। मध्यप्रदेश राष्ट्र का एकमात्र राज्य है, जहां एशियन डेव्हलपमेंट बैंक ने मार्ग निर्माण के क्षेत्र में पांचवीं बार ऋण दिये जाने में अपनी रुचि प्रदर्शित की है। मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम द्वारा एशियन डेव्हलपमेंट बैंक से चार चरण में 11000 लाख डॉलर के वित्तीय ऋण प्राप्त किये गये हैं। विगत 10 वर्ष में इन ऋणों के माध्यम से प्रदेश में 4500 कि.मी. सड़कों का निर्माण हुआ है। यहां यह तथ्य भी उल्लेखनीय है कि प्राप्त ऋण का निश्चित समय-सीमा में समस्त औपचारिकताएं पूर्ण करते हुए उपयोग कर लिये जाने की वजह से एशियन डेव्हलपमेंट बैंक द्वारा अंतरराष्ट्रीय-स्तर पर मध्यप्रदेश को प्रशंसित किया गया तथा अन्य देश एवं राज्यों को मध्यप्रदेश के अनुसरण का सुझाव भी दिया गया। एडीबी तथा ब्रिक्स देशों द्वारा प्रायोजित एनडीबी से रु. 6000 करोड़ के ऋण का उपयोग आगामी वर्षों में 3000 कि.मी. लम्बाई की सीमेंट-कांक्रीट की सड़कों के निर्माण/उन्नयन में किया जाएगा।
भारत सरकार की प्रमुख योजनाओं की उपलब्धि
विगत दशक के विकास की रफ्तार को बढ़ाते हुए आगामी दस वर्ष में लोक निर्माण विभाग द्वारा मध्यप्रदेश को और अधिक गतिशील और उन्नत बनाये जाने के दृष्टिकोण से अधोसंरचना विकास में अपने लक्ष्य को अधिक बढ़ाते हुए कतिपय महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर कार्यवाही शुरू कर दी गयी है। प्रथम चरण में राज्य के सड़क नेटवर्क को पुन: परिभाषित कर नवीन राज्य राजमार्ग, मुख्य जिला मार्ग घोषित किये गये हैं। इसी प्रकार राज्य राजमार्गों को नवीन राष्ट्रीय राजमार्गों में परिवर्तित किया गया है।
राज्य सरकर की फ्लेगशिप योजनाओं की उपलब्धियां
मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम द्वारा वाणिज्यिक कर, परिवहन, वन, मण्डी तथा खनिज विभागों से संबंधित अंतरराष्ट्रीय करों के संग्रहण के लिये 24 एकीकृत जांच चौकियों का निर्माण तथा दो केन्द्रीय नियंत्रण प्रणाली का निर्माण भी किया जा रहा है, जिसमें इंदौर तथा ग्वालियर स्थित केन्द्रीय नियंत्रण प्रणाली तथा 19 एकीकृत जांच चौकियों का निर्माण कार्य सम्पन्न कर लिया गया है। इससे न सिर्फ इन जांच चौकियों से यातायात सुगम हुआ है, वरन राजस्व चोरी पर रोक लगाने में सफलता प्राप्त की गयी है।
दुर्घटना प्रतिक्रिया प्रणाली (एआरएस) के माध्यम से राज्य राजमार्गों को एकसूत्र में पिरोया गया है तथा राज्यमार्ग पर जीपीएस धारी एम्बुलेंस तथा टोल नाकों पर कैमरे की व्यवस्था सुनिश्चित की गयी है। म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा विकसित प्रणाली को 108 सेवा से जोड़ा जा रहा है। इससे पूरे मध्यप्रदेश में सड़क दुर्घटना में घायलों को त्वरित एम्बूलेंस सहायता प्रदान की जा सकेगा।
2003-16 तक के विकास का तुलनात्मक विवरण
वर्ष 1994-95 से वर्ष 2004-05 तक लोक निर्माण विभाग में योजना मद में सड़क निर्माण/उन्नयन के लिये रु. 3506.25 करोड़ का व्यय किया गया। इस अवधि में मात्र 11462.00 किलोमीटर सड़कों के निर्माण/उन्नयन की कार्यवाही की गयी। योजना मद में इसी प्रकार वर्ष 2001-02 से वर्ष 2004-05 तक भवन निर्माण के संबंध में मात्र रु. 160.60 करोड़ का ही व्यय किया जा सका। वर्ष 2001-02 से वर्ष 2004-05 के मद गैर-योजना मद में मात्र रु. 509.47 करोड़ का व्यय मार्ग निर्माण/उन्नयन में तथा रु. 138.45 करोड़ का व्यय भवन निर्माण में किया जा सका।
इसकी तुलना में वर्ष 2005-06 से वर्ष 2015-16 के मध्य योजना मद में सड़क निर्माण/उन्नयन के लिये लगभग रु. 21412 करोड़ व्यय कर 33781 कि.मी. सड़कों का निर्माण किया गया। वर्ष 2016-17 में योजना मद में रु. 5000 करोड़ की राशि स्वीकृत हैं, जिसका उपयोग सीमेंट-कांक्रीट की सड़कें बनाने में भी होगा।
निजी पूंजी निवेश के क्षेत्र में भी मध्यप्रदेश की गणना राष्ट्र के अग्रणी राज्यों में की जाती है। विगत ग्यारह वर्ष में (वर्ष 2005-06 से वर्ष 2016-17 के मध्य) लगभग रु. 14521 करोड़ की राशि से लगभग 6500.00 कि.मी. उच्च गुणवत्तापूर्ण सड़कों का निर्माण किया गया है। मध्यप्रदेश ही एकमात्र राज्य है जहां बीओटी, बीओटी+एन्युटी तथा ओएमटी तीनों वित्तीय मॉडलों में आवश्यकतानुसार निजी पूँजी निवेश को प्रोत्साहित करते हुए मार्ग निर्माण/संधारण की कार्यवाही की गयी है। इतनी अधिक मात्रा में निजी पूँजी निवेश इस तथ्य का भी द्योतक है कि निवेशकों का विश्वास भी राज्य के प्रति बढ़ा है।
विभाग के बजट में इस दौरान हुई वृद्धि
वर्ष 1994-95 से वर्ष 2004-05 तक लोक निर्माण विभाग में योजना मद में सड़क निर्माण/उन्नयन के लिये रु. 3506.25 करोड़ का व्यय किया गया। इस अवधि में मात्र 11462.00 कि.मी. सड़कों के निर्माण/उन्नयन की कार्यवाही की गयी। योजना मद में इसी प्रकार वर्ष 2001-02 से वर्ष 2004-05 तक भवन निर्माण के संबंध में मात्र रु. 160.60 करोड़ का ही व्यय किया जा सका। वर्ष 2001-02 से वर्ष 2004-05 के मद गैर-योजना मद में मात्र रु. 509.47 करोड़ का व्यय मार्ग निर्माण/उन्नयन में तथा रु. 138.45 करोड़ का व्यय भवन निर्माण में किया जा सका। इसकी तुलना में वर्ष 2005-06 से वर्ष 2015-16 के मध्य योजना मद में सड़क निर्माण/उन्नयन के लिये लगभग रु. 21412 करोड़ व्यय किये गये तथा इससे 33781 कि.मी. सड़कों का निर्माण किया गया। वर्ष 2016-17 में योजना मद में रु. 5000 करोड़ की राशि स्वीकृत है, जिसका उपयोग सीमेंट-कांक्रीट की सड़कें बनाने में भी होगा।