आपसी प्रेम भाव के साथ गलतियों को क्षमा करना सिखाता है मिशन

निरंकारी मिशन ने साल के अंतिम दिन मनाया क्षमा-याचना दिवस

निज संवाददाता
परासिया, 1 जनवरी । संत निरंकारी सत्संग भवन छिंदवाड़ा में रविवार को निरंकारी मिशन के अनुयायियों द्वारा क्षमा याचना दिवस बड़े धूमधाम से मनाया गया। निरंकारी शाखा के मुखी परम पूज्य संदीप डोड़ी महात्मा की अगुवाई में सत्संग हॉल में सत्संग का आयोजन किया गया। भवन में सभी संतों द्वारा जहाँ सत्संग का आनंद उठाया वही गीतो, भजनो और प्रवचनो द्वारा माहौल भक्तिमय बन गया। श्रद्धालुओं को प्रवचन करते हुए संत ने कहा कि यह मिशन आपसी प्रेम भाव की बातें सिखाता है, वही एक दूसरे की गलती हो जाने पर क्षमा करने की भी सीख देता है।
उनके मुताबिक वक्त का पैगंबर सतगुरु माता सविंदर हरदेव महाराज आज सभी मिशन के संतो को मिलवर्तन का पाठ सिखा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पक्षी को उड़ाने के लिए पंख चाहिए। जबकि गुरु शीष जितना नीचे झुकता है उतना ही ऊंचाइयों को छूता है। उन्होंने एक और उदाहरण देते हुए कहा की सोचे सोचि न होवई जो सोचे लखवार अर्थात इसमें कोई शक नहीं कि सोचना बहुत आसान है,जबकि जानना सही मायने में बहुत कठिन है,। क्योंकि सोचने के लिए बदलने की कोई जरूरत नहीं,। लेकिन जानने के लिए स्वयं को बदलना अनिवार्य है। इसको उदाहरण से समझाते हुए उन्होंने कहा कि अंधा आदमी प्रकाश के संबंध में सोचता रहे,तो वह फिलॉस्फी है और अंधे आदमी की आंख का इलाज हो जाए,तो वह प्रकाश को देख ले,तो वह तत्व ज्ञान का प्रतीक है।
सेवादल के समस्त भाई साहब एवं बहनो ने सेवादल इंचार्ज सुनील परसवानि महात्मा के नेतृत्व मे प्रार्थना, पीटी परेड, मार्चिंग गीत मे बढ चढ़कर सहयोग दिया।
समस्त सेवादल के भाई, बहनो ने दातार,और साधसंगत से क्षमा याचना की। समस्त सेवादल, साधसंगत, बालसंगत ने मुखी जी और बहन जी का मानव श्रृंखला बनाकर और ग्रीन कार्पेट बिछाकर स्वागत किया। सेवादल इंचार्ज सुनील परसवानि महात्मा ने परम पुज्य मुखी जी संदीप डोड़ी और बहन जी का स्वागत किया। उपस्थित सभी संतो ने पुष्पो की वारिश की और संदीप डोड़ी महात्मा को मुखी बनने की बधाई दी गयी।
मुखी जी ने समस्त साधसंगत को आर्शीवाद दिया और सभी संतो द्वारा मन,वचन,कर्म से जो गलती जाने अनजाने मे हुई होगी उसके लिए दातार ओर साधसंगत से अरदास की।सत्संग पश्चात सभी संतो के लिए लंगर की व्यवस्था की गयी।संतो को आपसी मनमुटाव भुलाकर मिलवर्तन के लिए आव्हान किया गया।