अधिकारियों की फील्ड में पदस्थापना और राजनेताओं के हस्तक्षेप के कारण
रजत परिहार
भोपाल, 1 जनवरी। पुलिस महानिदेशक ऋषिकुमार शुक्ला वर्ष-2018 में चुनाव के पहले केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर जा सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो शिवराज सरकार को चुनाव के पहले नए पुलिस महानिदेशक की तलाश करना होगा, जो चुनाव में सरकार के अनुसार काम और मदद कर सके।
बताया जा रहा है कि पुलिस महानिदेशक ऋषिकुमार शुक्ला लंबे समय से सरकार के काम-काज से नाखुश चल रहे हैं, वे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को एक बेहतर कानून-व्यवस्था देना चाहते हैं, लेकिन अपनी इच्छानुसार काम नहीं करने के कारण उन्होंने केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने का मन बना लिया है, जिसकी चर्चा इन दिनों मंत्रालय के गलियारों से लेकर पुलिस मुख्यलाय में जोरों पर है। वैसे तो पुलिस महानिदेशक ऋषिकुमार शुक्ला के बारे में कहा जाता है कि वे बेहद ही शांत, ईमानदार और सुलझे हुए आईपीएस अधिकारी हैं, लेकिन लगातार मैदानी अधिकारियों की पदस्थापना को लेकर राजनेताओं के दबाव से वे इन दिनों बेहद दुखी बताए जा रहे हैं। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले कुछ माह पहले भोपाल डीआईजी की पदस्थापना और कटनी कांड के बाद आईपीएस गौरव तिवारी को पुलिस मुख्यालय में अटैच करने को लेकर मुख्यमंत्री और पुलिस महानिदेशक में कई बार बातचीत हुई थी। क्योंकि डीजीपी, भोपाल डीआईजी की कमान किसी और आईपीएस के हाथों में देना चाहते थे, साथ ही गौरव तिवारी को पुलिस मुख्यालय में अटैच नहीं करते हुए किसी बड़े जिले मे भेजना चाहते थे। डीजीपी ने गौरव तिवारी के मामले में तो पुलिस अधिकारियों का मनोबल टूटने की बात कहकर छिंदवाड़ा जिले का पुलिस अधीक्षक बना दिया था। वहीं भोपाल डीआईजी के मामले में मुख्यमंत्री ने डीजीपी की नहीं सुनते हुए अपनी इच्छानुसार 2000 बैच के आईपीएस संतोष कुमार सिंह को डीआईजी भोपाल बनाया।
इतना ही नहीं, कई जिलों में पुलिस अधीक्षक बनाने को लेकर भी राजनेता लगातार गृह मंत्री भूपेन्द्र सिंह के यहां सक्रिय रहे हैं। गृह मंत्री ने भी अपने साथी नेताओं को खुश करने के लिए आव देखा ना ताव और सीधे पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर कई जिलों में पुलिस अधीक्षक बनाने की अनुशंसा कर डाली। ऐसे कई मामले हैं जिनके कारण डीजीपी का मन अब प्रदेश मे सेवाएं देने का नहीं है। शायद इसीलिए उन्होने केंद्र में जाने का मन बना लिया है, हालांकि अभी केंद्र में जाने के लिए किसी भी प्रकार का कोई आवेदन नहीं दिया है, लेकिन विश्वसनीय सूत्रों का कहना है यह बात तो सत्य है कि डीजीपी और मुख्यमंत्री में इस बात को लेकर वार्तालाप हो चुका है।
बताया जा रहा है डीजीपी ऋषिकुमार शुक्ला को केंद्र में भेजने को लेकर पुलिस मुख्यालय का एक गुट भी इन दिनों सक्रिय हो गया है, ताकि उनकी पुलिस महानिदेशक के लिए लाटरी लग सके। क्योंकि ऋषिकुमार शुक्ला को रिटायर होने में अभी लगभग ढाई साल और हैं, अत: वे 2020 में अपनी शासकीय सेवाओं से मुक्त होंगे, इस बीच पुलिस मुख्यालय के करीब 1 दर्जन से अधिक विशेष पुलिस महानिदेशक और अतिरिक पुलिस महानिदेशक स्तर के आईपीएस अधिकारी रिटायर हो जाएंगे। ऐसा भी नहीं है कि डीजीपी शुक्ला के कार्यकाल में कोई बड़ी उपलब्धि प्रदेश के खाते में नहीं आई हो। उन्होंने स्वयं डीजी डेस्क, नवाचार, पुलिस कर्मियों से जोनों में जाकर उनकी समस्या पूछी है। इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश की कानून-व्यवस्था को लेकर जो उम्मीद पुलिस महानिदेशक ऋषिकुमार शुक्ला से की थी, उस पर वे सौ प्रतिशत खरे उतरे हैं। खैर यह तो आने वाला समय ही बताएगा कि पुलिस महानिदेशक ऋषिकुमार शुक्ला को मुख्यमंत्री केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने के लिए राजी होते हैं या नहीं, यह बात अभी समय के गर्भ में छिपी हुई है।