२०१७ में ऐसा चला शह-मात का खेल२०१७ में ऐसा चला शह-मात का खेल

राष्ट्रीय हिन्दी मेल टीम

भोपाल, 2 जनवरी। साल की शुरूआत नौकरशाहों के लिए खुशियां लेकर आई है। 1994 बैच के 10 अधिकारियों को प्रमुख सचिव पद पर पदोन्नति मिली तो वहीं 2002 बैच के अफसर सचिव पद पर प्रमोट हुए। प्रशासनिक सेवाओं के लिए वर्ष 2017 कई मायनों में खास रहा। कहीं अधिकारियों को जनसेवक के रूप में प्रशंसा मिली तो कहीं अधिकारियों ने सरकार के प्रति अपना रोष भी प्रकट किया। आरोप-प्रत्यारोप के दौर चले। कई अधिकारियों ने प्रदेश का नाम ऊंचा किया तो कई अफसरों ने सरकार की नाक में दम कर छवि धूमिल की। डीपीसी में कई अफसरों को आईएएस अवार्ड मिला तो किसी को जबरन सेवानिवृत्त मिली। कुल मिलाकर अधिकारियों ने प्रशासन में चुस्त-दुरूस्त काम कर जनता का भरोसा और विश्वास जीता।एसके मिश्रा को पीएस पद पर संविदा नियुक्तिप्रशासनिक हलके में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री के विश्वासपात्र माने जाने वाले प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी एसके मिश्रा का रिटायरमेंट आ गया। मिश्रा की सेवानिवृत्त के बाद उनकी जगह कौन लेगा, जैसे सवालों पर तब विराम लग गया, जब उन्हें संविदा पद पर प्रमुख सचिव के पद पर पुनर्नियुक्ति दी गई। प्रदेश के प्रशासनिक इतिहास में यह पहली बार हुआ। सामान्य प्रशासन विभाग में नियम बदले गए। एसके मिश्रा की मिलनसार और स्वच्छ छवि के चलते सरकार के इस फैसले का सभी ने स्वागत किया। थोकबंद तबादलेवर्ष 2016 से बहुप्रतीक्षित आईएएस तबादलों की लंबी फेहरिस्त को निकाली गई। एक के बाद एक मध्यप्रदेश सरकार ने तबादला सूची निकालते हुए अपनी विकास की मंशा को स्पष्ट रखा। पहले क्रम में जहां 37 अधिकारियों को इधर से उधर किया गया तो उसके बाद दूसरी 15 सीनियर अधिकारियों के तबादले की सूची निकली। प्रदेश सरकार ने इस दौरान कई महत्वपूर्ण फैसले लेते हुए सीनियर-जूनियर अधिकारियों को इधर से उधर किया। इनमें सबसे प्रमुख नाम आया पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव राधेश्याम जुलानिया का। उनके तबादले पर कई कर्मचारी संगठनों ने मिठाइयां बांटी, लेकिन शासन ने उन्हें चिकित्सा शिक्षा तथा जल संसाधन विभाग की कमान सौंपकर अपनी मंशा को स्पष्ट कर दिया। वरिष्ठ अधिकारी इकबाल सिंह बैस को एसीएस पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग सौंपा गया। दूसरा चर्चित नाम रहा पी नरहरि का। उन्हें जनसंपर्क विभाग में आयुक्त बनाया गया। भोपाल कलेक्टर निशांत वरवड़े को इंदौर भेजा गयामप्र शासन के अनेक महत्वपूर्ण फैसलों में राजधानी भोपाल को 30वां कलेक्टर मिला। शासन ने भोपाल जिले की कलेक्टरी के लिए सीहोर कलेक्टर सुदाम खाड़े पर भरोसा जताया। भोपाल कलेक्टर निशांत वरवड़े को इंदौर जैसे बड़े जिले की कलेक्टरी सौंपी गई। हालांकि उनके इंदौर जाने की चर्चा प्रशासनिक गलियारों में पहले से ही चल रही थी। करीब आधा दर्जन जिलों में भी कलेक्टरों को इधर से उधर किया गया। इनमें सतना कलेक्टर नरेश पाल को शहडोल कलेक्टर तो शहडोल कलेक्टर मुकेश कुमार शुक्ल को सतना कलेक्टर बनाया गया। वर्ष 2015 बैच के करीब एक दर्जन नए आईएएस को अपर और सहायक कलेक्टर के तौर पर इधर से उधर किया गया। वर्ष 2010 बैच के अफसरों को भी कलेक्टरी से नवाजा गया।  प्रतिनियुक्ति पर केंद्र पहुंचे अफसरप्रदेश से वर्ष 2017 में अजय तिर्की मध्यप्रदेश राजभवन से केंद्र के मानव संसाधन मंत्रालय में बतौर संयुक्त सचिव, सचिन सिन्हा स्कूली शिक्षा विभाग में बतौर संयुक्त सचिव की नियुक्ति और अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव आशीष उपाध्याय के हाल ही में कोयला मंत्रालय में बतौर संयुक्त सचिव जाने से प्रदेश के 357 आईएएस अफसरों में से 28 अधिकारी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर गए। सरकार की छवि धूमिल कीसरकार की मंशा को विकास से जोडऩे के बजाय उसे धूमिल करने का भी प्रयास हुआ। कई अधिकारियों ने साल भर सरकार की नाक में दम रखा। कुछ मान गए तो कुछ को सरकार ने ही बाहर का रास्ता दिखा दिया। इनमें वर्ष भर जुलानिया-थेटे विवाद प्रशासनिक गलियारों में चर्चा में छाया रहा तो वहीं अपनी मांगों को लेकर 99 बैच की शशि कर्णावत ने भी सरकार को कटघरे में खड़े करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। जमीनों के कई मामलों में अनियमितताओं के चलते वरिष्ठ आईएएस एम के सिंह को सरकार ने जबरन सेवानिवृत्ति दी गई। यहां बदला सरकार ने अपना रूखकई मामलों में सरकार ने अपने मन को बदला। चुनाव आयोग के एक मामले में भिंड कलेक्टर टी.इलैया राजा पर तब गाज गिरी जब वोटिंग मशीन के एग्जामिन के प्रदर्शन के दौरान मशीन में कुछ तथाकथित खामियां मीडिया की पकड़ में आ गई। इस मुद्दे ने खूब तूल पकड़ा, लिहाजा सरकार ने भिंड कलेक्टर टी. इलैया राजा को कलेक्टरी से वापिस बुला लिया, लेकिन मामला थमने पर पुन: भिंड की कमान उन्हें सौंप दी। दरअसल इलैया की विकासात्मक और सहयोगी छवि के चलते भिंड की जनता विरोधस्वरूप सड़कों पर उतर आई थी। इसी तरह हरदा कलेक्टर श्रीकांत बनोठ को भी विधायक जनप्रतिनिधि के विरोध के चलते कलेक्टर के पद से हाथ धोना पड़ा था। कुछ समय बाद शासन को उन्हें पुन: हरदा पदस्थ करना पड़ासुदाम खाडे को बनाया भोपाल कलेक्टरमुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की महत्वकांक्षी नर्मदा सेवा यात्रा का रोड मैप तैयार करने वाले सीहोर कलेक्ट सुदाम खाडे को 21 जून 2017 को भोपाल कलेक्टर बनाया गया था। 2017 इसलिए भी उनके लिए खास रहा। उनके कार्यकाल में बीते साल जिला प्रशासन का खाद्य विभाग घोटालों को लेकर प्रदेश भर में चर्चाओं में रहा। साल की शुरुआत में 38 राशन दुकानदारों पर गरीबों के राशन में हेराफेरी का आरोप लगा। जांच के बाद दुकानो पर पदस्त सेल्समैन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कीगई। इसके बाद साल के आखिर में संस्थानों को दिए जाने वाले राशन में घोटाले ने खाद्य विभाग को एकबार फिर चर्चाओं में ला दिया इस घोटाले में जहां 5 दुकान संचलको पर एफआईआर दर्ज हुई वही। अधिकारियों को सस्पेंड भी किया गया। इधर समर्थन मूल्य पर प्याज खरीदी के बाद प्याज के भण्डारण और परिवहन में हुए घोटाले में भी खाद्य विभाग पर सवालिया निशान लगे।इस मामले में भी दो अधिकारी सस्पेंड हुए।2017 में उपराष्ट्रपति का पहला एमपी दौरा भाजपा के वरिष्ठ नेता वेंकैया नायडू उपराष्ट्रपति बनने के बाद 17 दिसंबर 2017 को पहली बार मध्यप्रदेश सरकार द्वारा आयोजि महिला स्वसहायता समूहों के राज्यस्तरीय सम्मेलन में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने जम्बूरी मैदान में सभा को संबोधित किया।
संतोष सिंह बने भोपाल डीआईजी 14 जुलाई 2017 में ग्वालियर डीआईजी रहे आईपीएस संतोष सिंह को भोपाल का डीआईजी नियुक्त किया गया था। राज्य शासन ने उनके साथ छह आईजी, आठ डीआईजी समेत 71 आईपीएस अफसरों के तबादले कर नवीन पदस्थापना आदेश जारी किए हैं। इनमें 22 जिलों के एसपी बदले गए थे।  भोपाल डीआईजी रमन सिंह सिकरवार को डीआईजी उज्जैन पदस्थ किया था। राष्ट्रपति बनने के बाद पहली मप्र आए कोविंदराष्ट्रपति बनने के बाद 10 नवंबर 2017 को रामनाथ कोविंद अपनी पत्नी के साथ पहली बार मध्य प्रदेश के दो दिवसीय प्रवास पर भोपाल आए थे।। राष्ट्रपति बनने के बाद यह उनका पहला दौरा था। यहां उन्होंने लाल परेड मैदान में आयोजित सद्गुरु कबीर प्रगटोत्सव में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए।नर्मदा सेवा यात्रा के समापन समारोह में शामिल हुए पीएमप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमरकंटक में 15 मई 2017 को नमामि देवी नर्मदे यात्रा के समापन समारोह में शामिल हुए। 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह पहली यात्रा थी।
इस यात्रा के माध्यम से नरेंद्र मोदी ने देश वासियोंको पर्यावरण की रक्षा की संकल्प दिलाया।
नदी बचाने और पर्यावरण की रक्षा के लिए इतना बड़ा काम हुआ है। 25 लाख लोगों ने नदी के संरक्षण का संकल्प लिया है। यह मानवता की रक्षा के लिए अहम कदम उठाया गया है। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बधाई दी।

वर्ष 2017 इसलिए रहा खास

अटेर विधानसभा सीट पर कांग्रेस का कब्जा बरकरार
मध्य प्रदेश के भिंड जिले के अटेर विधानसभा सीट पर इस साल अप्रैल माह में संपन्न हुए उप-चुनाव में कांग्रेस उ मीदवार हेमंत कटारे ने जीत दर्ज कर कांग्रेस की सिक्का कायम रखा। हेमंत कटारे ने कड़े मुकाबले में भाजपा प्रत्याशी अरविंद सिंह भदौरिया को 857 वोट से मात दी। हेमंत कटारे कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे स्व. सत्यदेव कटारे के बेटे हैं। इसी वजह से कांग्रेस ने हेमंत कटारे को उ मीदवार बनाया था, जबकि भाजपा ने कद्दावर नेता अरविंद सिंह भदौरिया पर दांव लगाया था।
चित्रकूट विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस को मिली सफलता
मध्य प्रदेश के सतना जिले की चित्रकूट विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में कांग्रेस उ मीदवार नीलांशु चतुर्वेदी ने बीजेपी के शकंर दयाल त्रिपाठी को 14,333 मतों से मात दी। नीलांशु चतुर्वेदी को 668,10 और बीजेपी प्रत्याशी शंकर दयाल को 52,477 वोट मिले। यह सीट कांग्रेस के विधायक प्रेम सिंह को निधन होने से रिक्त हुई थी। चित्रकूट विधानसभा सीट को जीतने के लिए भाजपा ने अपनी पूरी ताकत झौंक दी थी,इसके बाद भी सफलता नहीं मिली। चित्रकूट जीत से मध्यप्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह की अहम भूमिका रही है।
अतुल राय प्रदेश सह संगठन महामंत्री नियुक्त
मध्यप्रदेश भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत को मजबूत करने के लिए केंद्रीय नेतृत्व ने अगस्त 2017 में महाकौशल प्रांत के संगठन मंत्री अतुल राय को प्रदेश सह संगठन महामंत्री नियुक्त किया। भाजपा में कई दिनों से सुहास भगत के परफॉर्मेंस को लेकर मीडिया में नकारात्मक खबरे सामने आ रही थी,जिसे देखते हुए भाजपा संगठन ने यह निर्णय लिया है।
 कमल पटेल को थमाया कारण बताओ नोटिस
मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वाले वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री कमल पटेल को भाजपा ने अवैध खनन का मुद्दा उठाने पर निलंबन को नोटिस जारी कर दियाथा। जिससे वे मीडिया जगत की सुर्खियों में बने रहे। नोटिस जारी होते ही पूर्व मंत्री कमल पटेल ने प्रदेश नेतृत्व से मुलाकात कर माफी मांगनी पड़ी। कमल पटेल आखिर तक अपनी बात पर अड़े रहे कि उन्होंने खनिज माफियाओं के खिलाफ बयान दिया है न कि सरकार और पार्टी के खिलाफ।
भोपाल नगर निगम आयुक्त बनी प्रियंका दास
3 सितंबर 2017 में भोपाल नगर निगम आयुक्त छवि भारद्धाज को मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम का प्रबंधंक बनाकर उनके स्थान पर टीकमगढ़ कलेक्टर रही प्रियंका दास को नया कमिश्नर बनाया गया है।  इसमे दिलचस्प बात यह है कि एक साल पहले नगरीय प्रशासन विभाग में एडिशनल कमिश्नर रहते प्रियंका दास को नगर निगम की कमान सौंपना चाहती थी,लेकिन यहां डिंडोरी कलेक्टर रहीं छवि भारद्वाज को पदस्थ कर दिया गया था। तब प्रियंका दास को टीकमगढ़ कलेक्टर बना दिया गया था।