मंशा रह गई अधूरी

नव वर्ष पर अपनों को बधाइयां और शुभकामनाएं देने की कामना करने वाले अधिकारियों की आज मंशा पूरी न हो सकी। दरअसल भूमियों के सुधार में लगे एक आयोग की बैठक के मुखिया ने सुबह साढ़े नौ बजे से बैठक शुरू कर दी। देर रात नए साल की पार्टी के जश्र में डूबे अधिकारी नए साल की खुशियां अपने सहकर्मियों में बांट भी न सके थे कि सुबह-सुबह शॉर्प नौ बजे बैठक के लिए भागना पड़ा। बैठक भी लगातार दोपहर ढाई बजे तक चली। ऐसे में अधिकारियों ने एक-दूसरे को कनखियों से देखते हुए नए साल की बधाइयां दीं और कामना की कि कहीं साल भर ऐसे ही बैठकों में सुबह-सुबह न भागना पड़ जाए। बधाई देने का सिलसिला दोपहर बाद ही शुरू हो सका। … खबरची