पीडीएस में पारदर्शिता के लिए कलेक्टर सुदाम खाड़े की पहल बनेगी रोल मॉडल

भोपाल, 2 जनवरी। राजधानी में गरीबों को बांटे जाने वाले गेहूं-चावल में घोटाला सामने आने के बाद कलेक्टर डॉ सुदाम खाड़े ने इनकी आवंटन प्रक्रिया में बदलाव कर दिया है। अब ऐसी संस्थाओं को सीधे अनाज नहीं दिया जाएगा। इन्हें राशन की दुकानों के माध्यम से अनाज मिलेगा। इसके लिए संबंधित संस्थाओं का राशन कार्ड भी बनया जाएगा। राशन कार्ड के माध्यम से ही इन्हें गेहूं-चावल दिया जाएगा। कलेक्टर कार्यालय में सोमवार को हुई बैठक में कलेक्टर डॉ. सुदाम खाड़े ने यह निर्देश दिए।
संस्थाओं को खाद्यान्न आवंटन में पारदर्शिता के लिए इस तरह की व्यवस्था लागू करने वाला भोपाल पहला जिला होगा। कलेक्टर खाड़े ने सरकार को अन्य जिलों में भी यह व्यवस्था लागू किए जाने का सुझाव दिया है।
गौरतलब है कि दिसंबर में करोंद गल्ला मंडी की जांच के दौरान गेहूं घोटाला सामने आया था। इसके बाद जिला प्रशासन और खाद्य विभाग ने संयुक्त कार्रवाई कर करीब 100 गोदामों की जांच की थी। जांच के दौरान दो हजार क्विंटल गेहूं और 200 क्विंटल से अधिक सरकारी चावल इन गोदामों में मिला था। इसके बाद कुछ अधिकारियों पर कार्रवाई भी हुई। अब इस व्यवस्था को सुधारने में प्रशासन जुट गया है। इसको देखते हुए कल्याणकारी संस्थाओं और अन्य को बांटे जाने वाले अनाज की आवंटन व्यवस्था में बदला कर किया जा रहा है।

284 राशन दुकानों से मिलेगा अनाज
जिले की 284 उचित मूल्य की दुकानों के खातों से अन्य सभी योजानाओं को जोड़ा जाएगा। इनसे पोषण आहार, दीनदयाल रसोई, सूर्या मध्यान्ह भोजन तथा नवयुग आर्य की संस्थाओं को राशन की दुकानों से संलग्न कर खाद्यान्न दिया जाएगा। इन सभी संस्थाओं का राशन उचित मूल्य की दुकानों में पीओएस पर ऑनलाईन दिखेगा। जिन संस्थाओं द्वारा राशन प्राप्त नहीं किया जा रहा है, उनकी जानकारी भी रहेगी।
आपूर्ति निगम रखेगा रिकार्ड
नागरिक आपूर्ति निगम को हर महीने समस्त योजनाओं के खाद्यान्न आवंटन, उठाव, वितरण आदि की जानकारी देना होगी। इसका रिकार्ड भी रखना होगा। खाद्य अधिकारी उचित मूल्य की दुकानों से राशन वितरण नहीं करने, मशीनों में गड़बड़ी तथा आवश्यक वस्तु अधिनियम के प्रकरण उपार्जन, भावांतर योजना तथा अन्य सभी योजनाओं की प्रत्येक सोमवार को समीक्षा करेंगे।