7 दिनों में होगी समीक्षा, न ट्रांसफर होंगे, न खदान से निकलेगा सामान
परासिया, 3 जनवरी। इंटक और कांग्रेस ने आज विष्णुपुरी कोयला खदान में फिर धरना प्रदर्शन किया। विधायक सोहन वाल्मिक विष्णुपुरी कोयला खदान नंबर एक के इंकलाईन मे धरने पर बैठ गए। उनके साथ ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष हेमंत राय भी धरने पर बैठे। चार घंटे तक चले धरना प्रदर्शन के बाद कोल प्रबंधन ने उच्चाधिकारियों से चर्चा कर इंटक और कांग्रेस की इस बात को उच्च स्तर पर पहुंचाने और सात दिनों में सीएमडी और डीपी से खदान को लेकर फिर समीक्षा करने का आश्वासन दिया। इसके बाद धरना खत्म किया गया।
इससे पहले 25 दिसंबर को इंटक ने यहां विधायक के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन किया था। इस दौरान विधायक को उनके 89 कार्यकर्ताओं के साथ गिरफ्तार कर मुचलके पर रिहा किया गया था। कांग्रेस और इंटक के साथ आने के बाद आज यहां बडी प्रशासनिक तैयारियां थी। एडीएम राजेश साही, परासिया एसडीएम सुनीता खंडायत, एसडीओपी सुरेश दामले, पांढुर्ना एसडीओपी केके वर्मा, और परासिया, चांदामेटा, सिंगोडी आदि जगहों के थाना प्रभारी यहां दल बल के साथ मौजूद थे। सीआईएसएफ के जवान भी भी संख्या में तैनात थे।
पहले ली गेट मीटिंग
इंटक ने पहले खदान में गेट मीटिंग ली। इस मीटिंग को विधायक सोहन वाल्मिक के साथ देवी चंद सूर्यवंशी, और अन्य नेताओं ने संबोधित किया। इस गेट मीटिंग में विधायक सोहन वाल्मिक ने खदान को बंद करने के निर्णय को गलत बताया। उन्होंने कहा कि जब खदान में उत्पादन बढा है तो इसे बंद नही किया जाना चाहिए।
जलाया कोयला मंत्री, सीएमडी का पुतला
इसके बाद कोयला मंत्री पियूष गोयल और सीएमडी आरआर मिश्र का पुतला जलाया गया। पुतला दहन के बाद सभी नेता खदान में पहुंच गए। खदान में पहुंचकर वे धरने पर बैठ गए। इस दौरान ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष हेमंत राय, जमील खान, वीर बहादुर सिंह, गुड्डू चौरसिया, सुरेष डेहरिया, अकबर खान, रोहित कैथवास, दीपक राय, इंटक से दीनानाथ यादव, अब्दुल आरिज, हरि मना नाग, रूबल भमरा, सोना दुबे, धनंजय सिंह आदि मौजूद थे।
4 घंटों में निकला समाधान
चार घंटे तक चले धरना प्रदर्षन में पहले प्रभारी एडीएम राजेष साही ने चर्चा की। विधायक ने लिखित में जवाब मांगे। बाद में जीएम सुहास पंडया भी पहुंचे। उनसे कांग्रेस के नेताओं ने बात की। बाद में उन्होंने अंदर जाकर घोषणा की कि सात दिनों में इस निर्णय की समीक्षा की जाएगी। इसके बाद विधायक बाल्मिक ने धरना खत्म कर दिया। इस दौरान विधायक चार घंटों तक कोयले की काली धूल में साथियों के साथ डटे रहे।