साक्षरता प्रतिशत बढ़ाने के लिए मदरसा बोर्ड की पहल
मुख्य संवाददाता
भोपाल, 3 जनवरी। आर्थिक कारणों, पारिवारिक जिम्मेदारियों अथवा किसी अन्य वजह से पढ़ाई नहीं कर पाए विद्यार्थियों को पांचवीं-आठवीं परीक्षाएं पास कराने के मौके मप्र मदरसा बोर्ड देगा। ओपन पद्धति से होने वाली इन परीक्षाओं में सभी धर्म, जाति या वर्ग के लोग शामिल हो सकते हैं। मप्र मदरसा बोर्ड की कार्यकारिणी बैठक में इस बारे में निर्णय लिया गया है। सब पढ़ें, सब बढ़ें और सर्व शिक्षा अभियान की धारणा को आगे बढ़ाने के लिए बोर्ड ने इस वर्ष ऐसे वयस्क लोगों के लिए पांचवीं और आठवीं परीक्षाएं कराने का निर्णय लिया है, जो किसी वजह से अपनी शुरूआती पढ़ाई पूरी नहीं कर पाए हैं। यह परीक्षाएं राज्य ओपन स्कूल पद्धति पर कराई जाएंगी, जबकि इनकी व्यवस्था मदरसों द्वारा देखी जाएगी। तय किया गया है कि इन परीक्षाओं में शामिल होने के लिए जाति, धर्म या वर्ग का कोई बंधन नहीं होगा।
ताकि ले सकेंगे कौशल प्रशिक्षण
मप्र मदरसा बोर्ड अध्यक्ष प्रो. सैयद ईमादुद्दीन ने बताया कि बच्चों, युवाओं और प्रौढ़ों को शुरूआती परीक्षाएं उत्तीर्ण कराने का मकसद यह है कि इन परीक्षाओं के जरिए वे प्रधानमंत्री कौशल विकास योजनाओं के तहत दिए जा रहे विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों में शामिल हो सकें। अभी इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए उनके साथ शैक्षणिक योग्यता की बाधा आती है, जिससे वे अपनी पसंद के पाठ्यक्रम में शामिल नहीं हो पा रहे हैं। प्रो. ईमाद ने बताया कि नई व्यवस्था से तकनीकी प्रशिक्षण लेना आसान होगा और इससे उनके लिए रोजगार के अवसर भी आसान होंगे।