पुणे की हिंसा 12 शहरों तक फैली, एक की मौत

पुणे, 3 जनवरी। महाराष्ट्र के पुणे में कोरेगांव भीमा में एक कार्यक्रम के दौरान हिंसक झड़प हो गई। इस दौरान एक व्यक्ति की मौत होने से पूरे इलाके में तनावपूर्ण स्थिति है। पुणे जिले में भीमा-कोरेगांव कार्यक्रम में पबल और शिकरापुर गांव के लोगों व दलितों के बीच झड़प हुई है। पुणे से करीब 30 किलोमीटर दूर पुणे-अहमदनगर हाईवे में पेरने फाटा के पास विवाद हुआ, जिसमें 25 से अधिक गाडिय़ां जला दी गईं और 50 से ज्यादा गाडिय़ों में तोडफ़ोड़ की गई। हिंसा का असर महाराष्ट्र के अन्य इलाकों में देखा जा रहा है। प्रदर्शन के चलते मुंबई में हार्बर लाइन पर रेल सेवा प्रभावित है। यहां सुरक्षा के लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है। पुलिस ने 100 से ज्यादा लोगों को अलग-अलग इलाकों से हिरासत में लिया है। हिंसा को लेकर मुंबई के ठाणे में रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। मुंबई पुलिस के पीआरओ ने बताया कि तनावपूर्ण स्थिति को देखते मुंबई के चेंबूर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। यहां धारा 144 लागू कर दी गई है। वहीं अलग-अलग इलाकों से 100 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है।
आरएसएस और भाजपा जिम्मेदार: राहुल गांधी: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कोरेगांव हिंसा के लिए आरएसएस और भाजपा की विचारधारा को जिम्मेदार ठहराया। राहुल ने कहा, आरएसएस और भाजपा के फासीवादी दृष्टिकोण का सेंटर पिलर यह है कि भारतीय समाज में दलित समुदाय के लोग हमेशा निम्न स्तर पर रहने चाहिए। ऊना, रोहिथ वेमुला और अब भीमा कोरगांव हिंसा प्रबल क्षेत्र हैं।
भाजपा और आरएसएस का हाथ: मायावती: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बाद अब यूपी की पूर्व सीएम और बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने भी बीजेपी और आरएसएस को निशाने पर लिया है। बीएसपी सुप्रीमो ने पुणे हिंसा के लिए बीजेपी और आरएसएस को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा, हिंसा के पीछे बीजेपी और आरएसएस का हाथ है। दलितों की सुरक्षा के इंतजाम नहीं किए गए।
10 लाख का मुआवजा दिया जाएगा: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि कोरेगांव हिंसा की न्यायिक जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी देंगे। युवाओं की मौत मामले में सीआईडी जांच करेगी। मृतकों के परिवार को 10 लाख का मुआवजा दिया जाएगा।
कैसे जश्न ने लिया हिंसा का रूप: 200 साल पहले अंग्रेजों से 1 जनवरी के दिन जो लड़ाई जीती थी उसका जश्न पुणे में मनाया गया। लेकिन यह जश्न इतना हिंसक हो गया कि कि इसमें एक शख्स की मौत हो गई। इसके साथ ही पनपे हिंसा में कई गाडिय़ों को आग के हवाले कर दिया गया। जानकारी के मुताबिक, सोमवार को शहर में कोरेगांव भीमा की लड़ाई की 200वीं सालगिरह मनाई गई।
लेकिन इस बार यह जश्न इतना हिंसक हो गया कि एक शख्स इसकी भेंट चढ़ गया। दो समूहों के बीच हुई भिड़ंत के बाद कई गाडिय़ों को आग लगा दी गई जबकि एक शख्स की मौत हो गई। इसके अलावा हिंसक भीड़ ने 50 से ज्यादा गाडिय़ों में तोडफ़ोड़ भी की। हिंसा के बाद से ही इलाके में तनाव फैल गया है। जिसके चलते भारी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात कर दिया गया है। हिंसा के बढ़ते ही पुणे के हड़प्सर और फुरसुंगी के बसों में तोड़-फोड़ मचाई गई। बताया जाता है कि अहमदाबाद और औरंगाबाद जाने वाली सभी बसों को फिलहाल के लिए निलंबित कर दिया गया है।
हिंसा के लिए प्रशासन को जिम्मेदार: शरद पवार: राकांपा प्रमुख शरद पवार ने पुणे जिले में भीमा-कोरेगांव लड़ाई की 200वीं वर्षगांठ के समारोह के दौरान हुई हिंसा के लिए महाराष्ट्र सरकार और प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते हुए मामले में जांच की मांग की है। शांति की अपील करते हुए पवार ने कहा कि राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्रों के लोगों को उत्तेजित करने वाले बयान दिए बगैर ही स्थिति का सामना संयम से करना चाहिए।