1 के बदले 10 सिर लाने की बात करने वाले चुप क्यों: सिंधिया

कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य ने उठाए भाजपा पर सवाल
सीआरपीएफ पर आतंकी हमले के बाद लोकसभा में हंगामा
नई दिल्ली, 3 जनवरी। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में शनिवार-रविवार की दरमियानी रात सीआरपीएफ कैंप पर हुए आतंकी हमले का मुद्दा मंगलवार को लोकसभा में उठा। हमले में पांच जवान शहीद हुए थे। कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा- एक के बदले 10 सिर लाने वाले और पाकिस्तान को माकूल जवाब देने की मांग करने वाले लोगों ने आज चुप्पी क्यों साध रखी है? इसके पहले बीजेपी सांसदों ने सदन में पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए। सदन ने हमले में शहीद हुए सैनिकों श्रद्धांजलि भी दी। सिंधिया ने कहा- जब खुफिया रिपोर्ट थी तो सरकार ने उस हिसाब से फोर्स की तैनाती क्यों नहीं की। भारत के एनएसए बैंकॉक में पाकिस्तान के एनएसए से क्यों मिले?
सिंधिया ने सरकार से मांगा जवाब: कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पुलवामा आतंकी हमले पर सरकार से जवाब मांगा। सिंधिया ने कहा, 2017 की आखिरी रात जब पूरे देश की जनता आने वाले नए साल का जश्न मना रही थी, तब एक दुखद घटना घटी। पुलवामा में पाकिस्तानी स्पॉन्सर्ड आतंकियों ने हमारे सीआरपीएफ प्रशिक्षण केंद्र पर हमला किया। हमारे पांच जवानों ने अपनी जान की आहुति दी। तीन आतंकियों को भी वहां मार डाला गया। एक तरफ हमारे जवान शहीद होते हैं तो दूसरी तरफ यह सरकार हमारे जवानों की सुरक्षा के प्रति गंभीर नजर नहीं आती। पछले तीन वर्षों में उड़ी, पम्पोर, पठानकोट और ऊधमपुर समेत कितनी घटनाएं हुईं। कितनी कमेटियां गठित की गईं। लेकिन, एक के बाद एक गलती इस सरकार के द्वारा दोहराई जाती है। पुलवामा में पिछले साल एक हमला हो चुका है। वहां हमारे 8 सैनिक शहीद हुए थे। पिछले साल अक्टूबर में बीएसएफ की बटालियन पर एक हमला हुआ था जिसमें हमारा एक जवान शहीद हुआ था।
प्रधानमंत्री एक शब्द भी नहीं बोले: कांग्रेस सांसद ने आगे कहा, वहां के पुलिस अफसर एसपी वैद को जानकारी दी गई थी कि यहां घटना घटने वाली है। 130 एकड़ में 4 किलोमीटर का पैरामीटर वॉल है तो आतंकी घुसे कैसे। वहां फ्लड लाइट नहीं लगे थे। जनरल फिलिप कॉम्बोज की रिपोर्ट भी आई लेकिन इस सरकार ने उस पर कोई कदम नहीं उठाया। मैं पूछना चाहता हूं कि इस सरकार के एक सांसद स्वयं नेपाल सिंह जी कहते हैं-जवानों को तो जान देना ही होगी। ये कोई नई चीज नहीं है। ये शर्म की बात नहीं है तो और क्या है?