हर महीने की ५ तारीख को मंत्री सौंपेंगे मुख्यमंत्री को रिपोर्ट
विशेष संवाददाता
भोपाल, ३ जनवरी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नव वर्ष का स्वागत अपनी टीम की कसावट के साथ शुरू किया। मिशन २०१८ की तैयारियों के मद्देनजर आज भोपाल पहुंचे मुख्यमंत्री ने सीधे मंत्रालय का रूख किया और अपने कैबिनेट के सदस्यों को नव वर्ष की शुभकामनाओं के साथ ही तारीखवार लक्ष्य तय कर दे दिए। मंत्रियों को मुख्यमंत्री के समक्ष हर माह की ५ तारीख को दिए गए लक्ष्यों की प्रोगे्रस रिपोर्ट के साथ प्रस्तुत होना पड़ेगा।
बैठक की जानकारी देते हुए जनसंपर्क मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री ने अपनी टीम का उत्साहवर्धन करते हुए प्रदेश में किए गए नवाचारों को देशभर में अंगीकार और स्वीकार किए जाने की बधाई दी। साथ ही करीब-करीब सभी विभागों को सिलसिलेवार टारगेट तय कर दिए।
कृषि विभाग: मुख्यमंत्री ने किसानों के हित के लिए बनाई गई भावान्तर योजना पर चर्चा करते हुए कहा कि भावान्तर योजना में जिस तरह किसानों को लाभ मिल रहा है, उसकी देशव्यापी सराहना हो रही है। उन्होंने कृषि विभाग के मंत्री गौरीशंकर बिसेन और अधिकारियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि आज इस योजना पर नीति आयोग में प्रजेन्टेशन दिया जा रहा है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष भी प्रस्तुत किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने टीम का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री सहित केंद्र सरकार इस योजना में रूचि ले रही है, जिसे प्रदेश के विकासरथ के लिए अच्छा संकेत माना जा सकता है।
सामान्य प्रशासन विभाग: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सामान्य प्रशासन विभाग की समीक्षा करते हुए आरक्षण के मामले में महत्वपूर्ण आदेश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की मंशा आरक्षण के मामले में न्यायालय में लंबित प्रकरण के चलते सेवानिवृत्त हो चुके शासकीय सेवकों को लाभ पहुंचाने की है, इसलिए सामान्य प्रशासन विभाग तैयारी शुरू करे, ताकि कोर्ट का फैसला आने तक सेवानिवृत्त हो चुके अधिकारी-कर्मचारियों को भी लाभ मिल सके। इसके अलावा लंबित विभागीय जांच पर भी विभाग जल्द कार्रवाई करे। उन्होंने मंत्रालयीन कामकाज और कैबिनेट को पेपरलैस करने, अफसरों के बीच सीधा संवाद होने की दशा में कार्य करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने विजन २०२२ के लिए सामान्य प्रशासन विभाग को २ माह में प्रारूप तैयार करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि विभाग सुनिश्चित करे कि जो घोषणाएं मुख्यमंत्री ने की है, उन पर तुरंत अमल हो। सीएम की घोषणा के बाद कामों में देरी नहीं होनी चाहिए।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्री गोपाल भार्गव और उनकी प्रशासनिक टीम को प्रदेश के प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत देश में अव्वल आने पर बधाई दी। मुख्यमंत्री ने विभाग द्वारा वर्ष २०१६-१७ में ४.४८ लाख, वर्ष २०१७-१८ में ३.८९ लाख सहित आगामी वित्तीय वर्ष में १३.४८ आवास बनाने का लक्ष्य तय किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना में जिस तरह प्रदेश देश में अव्वल आया है, उसे अपनी पोजीशन को नम्बर एक पर बनाए रखना है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने विभाग को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्मदिवस पर २ अक्टूबर, २०१८ तक पूरे प्रदेश को खुले में शौच से मुक्त किए जाने का टारगेट भी याद दिलाया। उन्होंने कहा कि मिशन मोड पर काम करें और इस वर्ष तक प्रत्येक ग्राम को सड़कों से जोडऩे के लिए सभी टेण्डर जल्द ओपन कर काम शुरू करें। उन्होंने समूह आधारित योजनाओं के संचालन तथा मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजनांतर्गत युवाओं को रोजगार से जोडऩे तथा स्वरोजगार के लिए ऋण दिए जाने का भी टारगेट सेट किया। नर्मदा सेवा यात्रा में पौधा रक्षक बने लोगों को प्रोत्साहित कर इस कांसेप्ट को आगे बढ़ाने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए।
राजस्व विभाग: ग्रामीण क्षेत्रों में अविवादित नामांतरण, सीमांकन तथा राजस्व के लंबित प्रकरणों को समय-सीमा के भीतर निराकरण करें। इस दौरान मुख्यमंत्री ने पुराने अविवादित प्रकरणों के लाए जाने पर एक लाख रूपए के पुरस्कार की अपनी बात को भी दोहराया। प्रदेश में अमले की कमी को देखते हुए पटवारियों और नायब तहसीलदारों की नियुक्ति का लक्ष्य राजस्व विभाग को दिया। एक अन्य महत्वपूर्ण कार्य के अंतर्गत २६ जनवरी गणतंत्र दिवस से १४ अपै्रल बाबा भीमराव अंबेडकर जन्म शताब्दी वर्ष तक विशेष अभियान चलाकर प्रदेश के आवासहीन धारकों को आवास देना सुनिश्चित करने के लक्ष्य मंत्री उमाशंकर गुप्ता और राजस्व अधिकारियों को दिए।
शहरी आवास एवं पर्यावरण विभाग: भोपाल और इंदौर की तरह प्रदेश के अन्य शहरों को भी स्वच्छ बनाए रखने के लिए जनभागीदारी को बढ़ावा दिया जाए। इसके लिए रोचक और पे्ररक स्लोगन बनाकर अधिक से अधिक लोगों को स्वच्छता के महत्व के प्रति जागरूक किया जाए। आमजन की भागीदारी बढऩे के प्रयास किए जाएं। दीनदयाल रसोई के संचालन की मॉनीटरिंग के आदेश भी दिए। नर्मदा तट पर सीवरेज प्रणाली लागू कर पानी में गंदगी को जाने से रोका जाए। शहरी क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध करना सुनिश्चित किया जाए। शहरी क्षेत्रों के ५ लाख गरीबों को आवास मुहैया कराने की दिशा में कार्य हो। मुख्यमंत्री ने इसके लिए शहरी आवास एवं पर्यावरण मंत्री माया सिंह और अधिकारियों को ३० जनवरी तक की समय-सीमा तय की।
ऊर्जा: मुख्यमंत्री ने ऊर्जा मंत्री पारस जैन से कहा कि प्रदेश के ५१ हजार ७१४ गांवों में से अभी भी २४ गांव विद्युत विहीन हैं। इन गांवों को अक्टूबर २०१८ तक रोशन किया जाए। हर घर में बिजली भेजना सुनिश्चित हो। विद्युत सौभाग्य योजना के अंतर्गत हितग्राहियों को लाभान्वित किया जाए।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा: एलईडी वितरण योजना के अंतर्गत प्रदेश देश में दूसरे नम्बर है, उसे अव्वल आने का लक्ष्य विभाग को सौंपा गया।
उद्यानिकी: प्याज को भावान्तर योजना में कैसे लाया जाए, इसका प्रारूप तय किया जाए। उद्यानिकी फसलों के लिए प्रारूप तय कर आगामी ५ को प्रस्तुत करें।
सहकारिता: सहकारिता विभाग में समूह परियोजना लागू किए जाने के निर्देश दिए।
खाद्य नागरिक एवं आपूर्ति विभाग: खाद्य मंत्री ओमप्रकाश धुर्वे को आदेशित किया कि खाद्य सुरक्षा योजनातंर्गत नए पात्र लोगों को जोडऩे के लिए पुराने पात्र लोगों का नाम काटने की बाध्यता को समाप्त कर हितग्राहियों को लाभ देना सुनिश्चित करें। एक अन्य महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए राशन लेने वाले हितग्राहियों को किसी भी दुकान से राशन प्राप्त करने की योजना बनाकर उसे लाभ देने का लक्ष्य प्रदान किया।
अनुसूचित जाति एवं जनजाति: अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति विभाग में आदिवासियों, अनुसूचित जाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग की योजनाओं को ऑनलाइन कर उन्हें जल्द से जल्द शासन की योजनाओं से जोडऩे के प्रयास किए जाएं। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए विशेष पैकेज की व्यवस्था की जाए।
सामाजिक न्याय विभाग: विभाग समग्र पोर्टल में शामिल हितग्राहियों को त्वरित लाभ मिलना सुनिश्चित करें। दिव्यांगों के प्रति संवेदनशीलता दिखाते हुए उन्हें शासन की लाभकारी योजनाओं से जोड़े।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के संबंध में लंबी चर्चा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सूखे की जद में है, इसलिए मुख्यमंत्री पेयजल योजनांतर्गत प्रदेश के सूखाग्रस्त क्षेत्रों में पेयजल परिवहन की व्यवस्थाओं पर तुरंत ध्यान दें। उन्होंने इस विभाग की गहराई से समीक्षा करते हुए कहा कि विभाग १००० से अधिक आबादी वाले क्षेत्रों में पेयजल के लिए निकाले जाने वाले टेण्डर तुरंत निकालना सुनिश्चित करें। आने वाले गर्मी के मौसम में पेयजल की समस्या न रहें, इसका रोडमैप तैयार करें।
खनिज साधन विभाग: मुख्यमंत्री ने रेत नीति के सुचारू क्रियान्वयन का लक्ष्य विभाग को सौंपा।
लोक निर्माण विभाग: पीडब्ल्यूडी विभाग के अंतर्गत आने वाले चंबल एक्सपे्रस-वे सहित अन्य सड़कों की मरम्मत और नवीनीकरण पर रोडमैप बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने पीडब्ल्यूडी मंत्री रामपाल सिंह से कहा कि केंद्र सरकार की भारत माला योजनांतर्गत प्रदेश को अधिक से अधिक लाभ लेने के संबंध में योजना तैयार करने की जरूरत है। इस पर पुख्ता प्लानिंग के साथ काम शुरू करें।
नर्मदा घाटी विकास: मुख्यमंत्री ने जल परिवहन की व्यवस्था की जिम्मेदारी नर्मदा घाटी विकास विभाग को सौंपते हुए नर्मदा-क्षिप्रा लिंक परियोजनाओं सहित अन्य योजनाओं को पूरा करने के लिए प्रारूप बनाने के लक्ष्य निर्धारित किए।
जल संसाधन विभाग: विभाग को केन बेतवा सहित सभी योजनाएं पूर्ण करने का लक्ष्य दिया गया।
स्वास्थ्य परिवार कल्याण विभाग: प्रदेशवासियों को राजस्व बीमारी सहायता का लाभ दिया जाए। इसके लिए ऑनलाइन व्यवस्थाओं को पुख्ता किया जाए, ताकि मरीजों को आर्थिक सहायता के लिए सीएमएचओ और कलेक्टर कार्यालय के चक्कर न लगाना पड़े। प्रदेश के ७ में से ३ मेडिकल कॉलेज संचालित हैं। इस वर्ष के अंत तक सभी मेडिकल कॉलेजों में कार्य शुरू किया जाए।
महिला एवं बाल विकास विभाग: प्रदेश में टेक होम राशन की व्यवस्था की जिम्मेदारी महिलाओं के स्व-सहायता समूहों को प्रदान की जाए। कुपोषण की रोकथाम के लिए योजना बनाई जाए। महिला सुरक्षा के क्षेत्र में महिला एवं बाल विकास विभाग की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाए।
स्कूल शिक्षा: छात्र-छात्राओं को समय पर गणवेश, पुस्तकें और साइकिल वितरण देना सुनिश्चित करें। गणवेश का काम स्व-सहायता समूह के माध्यम से किया जाए। अभियान चलाकर स्कूल के छात्र-छात्राओं के नम्बर ७० फीसदी से अधिक लाने के प्रयास किए जाएं।
१२ जनवरी को छात्र पंचायत आयोजित की जाएगी। इसी दिन स्कूलों में सूर्य नमस्कार का आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा २ अप्रैल से आगामी शिक्षा सत्र के लिए स्कूल चले अभियान पर काम किया जाए।
तकनीकी शिक्षा विभाग: २०१८ तक साढ़े ७ लाख युवाओं को रोजगार-स्वरोजगार से जोड़ा जाए।
वन विभाग: चरणपादुका योजना का सफल क्रियान्वयन किया जाए। तेंदूपत्ता संग्राहकों को भुगतान समय पर देना सुनिश्चित करें। २ जुलाई तक ५० लाख लोगों को पौधा रोपण अभियान से जोड़ें।
श्रम विभाग: प्रदेश के चारों प्रमुख शहरों भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर में श्रमिकों के बच्चों के लिए खोले गए श्रमोदय विद्यालयों में जून से शिक्षा सत्र प्रारंभ करना सुनिश्चित किया जाए।
विधि एवं विधायी विभाग: जबलपुर में नया नेशनल लॉ कॉलेज खोलने तथा नई मुकदमा नीति तैयार करने के निर्देश दिए गए।
लोक सेवा प्रबंधन: कलेक्ट्रेट स्तर पर वन-डे गवर्नेंस का ऐसा खाका तैयार किया जाए कि व्यक्ति का काम एक ही दिन में पूरा हो सके। इसके लिए ऐसा नवाचार तैयार करें, जो प्रदेश को देश में अग्रणी बनाए।
खेल: मिशन ओलम्पिक के तहत छात्र-छात्राओं को ओलम्पिक २०२० के लिए तैयार करने का लक्ष्य दिया गया। प्रदेश के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिलाडिय़ों को इंस्पेक्टर और कांस्टेबल के पद दिए जाना सुनिश्चित किया जाए। घुड़सवारी, शूटिंग, हॉकी जैसे विभिन्न स्पोर्ट्स की अकादमी शुरू की जाए।
पर्यटन विभाग: प्रदेश में एडवेंचर टूरिज्म को बढ़ाया जाए। धार्मिक पर्यटन के तहत मंदिरों के रिकॉर्ड का ऑनलाइन संधारण किया जाए। इसके लिए योजना तैयार की जाए। वर्ष २०१८ तक मिंटो हॉल का कार्य पूर्ण किया जाए।