मंत्रिपरिषद की बैठक में निर्णय
भोपाल, 4 जनवरी। मध्यप्रदेश की शिवराज कैबिनेट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए प्रदेश में पेट्रोल और डीजल पर एक फीसदी सेस के रूप में उपकर लगाया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में बुधवार को मंत्रालय में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में ‘मध्यप्रदेश मोटर स्प्रिट उपकर अध्यादेश 2018Ó तथा ‘मध्यप्रदेश हाई स्पीड डीजल उपकर अध्यादेश 2018Ó के तहत यह निर्णय लिया गया है। वित्त मंत्री जयंत मलैया ने बताया कि यह राशि परिवहन अधोसंरचना विकास कार्यों पर व्यय की जाएगी। राज्य सरकार द्वारा इस उपकर से पूर्व में पेट्रोल-डीजल की घटी कीमतों की वजह से हुए नुकसान की आंशिक भरपाई के तौर पर देखा जा रहा है। इसके अतिरिक्त मंत्रिपरिषद की बैठक में आज कई महत्वपूर्ण फैसलों को हरी झंडी प्रदान की गई।
हायर सेकण्डरी स्कूलों के लिए 335 करोड़ स्वीकृत: सरकार ने प्रदेश में हाई स्कूल और हायर सेकण्डरी स्कूलों के लिए 335 करोड़ स्वीकृत किए वहीं शासकीय माध्यमिक शालाओं में फर्नीचर के लिए रुपए 100 करोड़ मंजूर किए गए। कैबिनेट की बैठक में हुए फैसलों की जानकारी देते हुए जनसंपर्क मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि कैबिनेट ने खिलाडिय़ों को प्रोत्साहन एवं प्रशिक्षण के लिए 90 करोड़ स्वीकृत किए है। मंत्रिपरिषद ने उच्च गुणवत्तायुक्त शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए जिला एवं विकासखंड स्तर पर उत्कृष्ट विद्यालयों में अपेक्षित भौतिक अधोसंरचना एवं सुविधा विकसित करने तथा संचालित करने के लिए वर्ष 2017-18, 2018-19 तथा वर्ष 2019-20 में 40 करोड़ 31 लाख रुपए की सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की। मंत्रिपरिषद ने निर्णय लिया कि मध्यप्रदेश लोक सेवा नियम 1998 के नियम 4-ख में सहरिया आदिम जनजाति को सम्मिलित करने का भी निर्णय लिया है। इसके अलावा बेहतर आपदा प्रबंधन के लिए मंत्रालय में आपदा प्रबंधन कक्ष का गठन तथा 7 अस्थाई पदों के सृजन की मंजूरी भी प्रदान की गई।
मंत्रिपरिषद द्वारा अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित कन्या साक्षरता प्रोत्साहन योजना के तहत अनुसूचित जाति की कन्याओं की शिक्षा निरंतर जारी रखने और उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए उपलब्ध कराई जा रही आर्थिक सहायता को 2 वर्ष तक निरंतर रखने का निर्णय लिया गया। साथ ही पुलिस थानों में बाउन्ड्रीवाल निर्माण के लिए 9 करोड़ 92 लाख रुपए का प्रावधान किए जाने की अनुमति दी।
एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले में कैबिनेट में आज आईसीसी वल्र्ड कप 2017 लार्ड्स (इंग्लैंड) की उपविजेता भारतीय महिला क्रिकेट टीम के खिलाडिय़ों को 50 लाख रुपए का पुरस्कार प्रदान करने और सम्मान समारोह आयोजित करने की स्वीकृति भी प्रदान की। इसी क्रम में प्रदेश में प्रतिभावान खिलाडिय़ों को एशियन गेम्स 2018 और ओलम्पिक गेम्स 2020 में देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेल प्रशिक्षण एवं खेल अधोसंरचना उपलब्ध कराने के लिए वर्ष 2017-18 से वर्ष 2019-20 की अवधि के लिए 21 करोड़ रुपए व्यय की स्वीकृति प्रदान की गई। खेल और युवा कल्याण विभाग के प्रस्ताव अनुसार खिलाडिय़ों को प्रोत्साहन और प्रशिक्षण के लिए आगामी तीन वर्षों अर्थात वर्ष 2017-18 से वर्ष 2019-20 की अवधि में 90 करोड़ रुपए व्यय की स्वीकृति प्रदान की गई।
मंत्रिपरिषद ने मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग के 82 अस्थाई पदों की मार्च 2020 तक निरंतरता की स्वीकृति प्रदान की।
मंत्रिपरिषद ने अमृत योजना का निरंतर क्रियान्वयन करने की स्वीकृति प्रदान की। इससे शहरी क्षेत्रों में स्वीकृत परियोजना के निर्माण कार्यों में पुनरीक्षण के फलस्वरुप बढ़ी हुई लागत की प्रतिपूर्ति एवं योजना में सम्मिलित शहरों की योजना में नवीन कार्यों के लिए उपयोग किया जाएगा।
मंत्रिपरिषद द्वारा प्रदेश के नगरीय निकायों में पर्याप्त मात्रा में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से विभिन्न नगरीय निकायों के घटकों के लिए मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना के अंतर्गत रुपए 363 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की गई। मंत्रिपरिषद ने सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग द्वारा अंध-मूक बधिर शालाओं को अनुदान योजना की निरंतरता को स्वीकृति प्रदान की। अंध-मूक बधिर वृत्तियों के आगामी तीन वर्षों तक संचालन के लिए 26 करोड़ 50 लाख रुपए के वित्तीय प्रावधान की स्वीकृति भी प्रदान की गई।
मंत्रिपरिषद ने मुख्यमंत्री कन्या अभिभावक पेंशन योजना की निरंतरता को स्वीकृति प्रदान की। इस योजनान्तर्गत वर्ष 2017-18 से वर्ष 2019-20 तक लगभग 1 लाख 47 हजार 304 हितग्राहियों को लाभान्वित करने का लक्ष्य है। मंत्रिपरिषद ने पंचम नगर काम्पलेक्स अंतर्गत निर्मित पगरा बांध के डूब क्षेत्र के बाहर स्थित ग्राम बमाना जिला सागर के 182 परिवारों के लिए 6 करोड़ 70 लाख रुपए विशेष अनुदान के रुप में भुगतान करने की स्वीकृति प्रदान की। नवीन जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र भवनों के निर्माण की योजना के लिए वर्ष 2017-18 से वर्ष 2019-20 तक रुपए 10 करोड़ के व्यय की स्वीकृति भी प्रदान की गई। मंत्रिपरिषद ने सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग एवं टेक्नालॉजी (सीपेट) को अधोसरंचना अनुदान योजना के क्रियान्वयन के लिए वित्तीय वर्ष 2017-18 से वर्ष 2019-20 तक के लिए 35 करोड़ 13 लाख रुपए के व्यय की स्वीकृति प्रदान की।