केपटाउन 5 जनवरी। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शुक्रवार से यहां प्रारंभ हो रहे पहले टेस्ट में विराट कोहली की टीम इंडिया के समक्ष घरेलू मैदान की अपनी सफलता को बरकरार रखने की कठिन चुनौती है.
केपटाउन 4 जनवरी। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शुक्रवार से यहां प्रारंभ हो रहे पहले टेस्ट में विराट कोहली की टीम इंडिया के समक्ष घरेलू मैदान की अपनी सफलता को बरकरार रखने की कठिन चुनौती है. टीम इंडिया पहले क्रिकेट टेस्ट के साथ जब विदेशी सरजमीं पर 12 टेस्ट के अपने अभियान की शुरुआत करेगी तो उसका लक्ष्य देश के साथ विदेश मैदानों पर अपना दबदबा बनाना होगा. भारत के कठिन 2018-19 सत्र की शुरुआत दक्षिण अफ्रीका में तीन टेस्ट के दौरे से होगी जबकि इसके बाद उसे इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के कठिन दौरों पर भी जाना है। यह सत्र भारतीय कप्तान विराट कोहली और उनके खिलाडिय़ों के लिए काफी महत्वपूर्ण है जिनके सामने विदेशी सरजमीं पर भारत के प्रदर्शन में सुधार करने की चुनौती है. इसके लिए हालांकि भारतीय टीम अपने तेज गेंदबाजों पर काफी निर्भर करेगी। भारत टीम प्रबंधन के सामने असंजमस इस बात को लेकर है कि वह अपने पांच तेज गेंदबाजों ईशांत शर्मा, मोहम्मद शमी, भुवनेश्वर कुमार, उमेश यादव और जसप्रीत बुमराह में से किन तीन गेंदबाजों को प्लेइंग इलेवन में स्थान दे। ऑलराउंडर के तौर पर हार्दिक पंड्या को टीम में जगह मिलने की संभावना है।
दुनिया की नंबर एक टीम भारत ने दूसरे स्थान की टीम दक्षिण अफ्रीका पर मजबूत बढ़त बना रखी है और अगर टीम को टेस्ट सीरीज में 0-3 से क्लीनस्वीप का सामना करना पड़ता है तो भी वह अपनी शीर्ष रैंकिंग नहीं गंवाएगी. कोहली की टीम के लिए हालांकि यह सिर्फ अंक और रैंकिंग से जुड़ी सीरीज नहीं है. मेजबान दक्षिण अफ्रीका को अपने तेज गेंदबाजी आक्रमण से उम्मीद है कि वह भारत के मजबूत बल्लेबाजी क्रम को ध्वस्त कर देगा लेकिन लगातार नौ सीरीज जीतने के बाद भारतीय टीम आत्मविश्वास से भरी है कि वे किसी भी हालात में जीत दर्ज कर सकते हैं।