सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने को सरकार तैयार नहीं

ट्रिपल तलाक बिल
नई दिल्ली, 5 जनवरी। संसद के उच्च सदन राज्यसभा में ट्रिपल तलाक बिल पर सरकार और विपक्ष में खूब हंगामा हुआ। राज्यसभा की आज की कार्यवाही काफी हंगामेदार रही, एक ओर कांग्रेस इस विधेयक को संसदीय समिति में भेजने पर अड़ी है, वहीं सरकार इस बिल को संसदीय समिति में भेजने से इनकार कर रही है, राज्यसभा में इसी बात पर सरकार और विपक्ष के बीच खूब हंगामा हुआ और इसी के मद्देनजर सभापति ने आज की कार्यवाही को कल तक के लिए स्थगित कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक उच्च सदन में तीन तलाक पर विपक्ष की सहमति नहीं बनने पर अब केंद्र सरकार इसे एक संसदीय समिति के पास समीक्षा के लिए भेजने के लिए राजी हो गई है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार के इस कदम के बाद अब यह बिल राज्यसभा में भी पास हो जाएगा। सूत्रों के मुताबिक अब पहले समिति का गठन किया जाना होगा, और फिर वह समिति विधेयक की समीक्षा कर बिल में बदलावों को लेकर सुझाव देगी।
सेलेक्ट कमेटी की मांग पर अड़ा विपक्ष
लोकसभा में यह बिल पास हो चुका है, तब विपक्ष ने भी सरकार का साथ दिया था लेकिन राज्यसभा में आते ही कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों का रुख बदल गया है। विपक्ष अपने इस रुख पर कायम है कि बिल में तमाम खामियां हैं और उसको सलेक्ट कमेटी के पास भेजी जाने की सख्त जरूरत है। सरकार बिल को किसी भी हालत पर पास करवाना चाहती है क्योंकि इसके पास सिर्फ 2 दिनों का समय है। दरअसल शीतकालीन सत्र 5 जनवरी को खत्म हो रहा है।
उमर खालिद-जिग्नेश मेवाणी
आपको बता दें शरद पवार ने जिनका नाम नहीं लिया वो दो लोग हैं, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र नेता उमर खालिद और गुजरात के विधायक और दलित कार्यकर्ता जिग्नेश मेवाणी, जिन पर सेक्शन 153(्र), 505, 117 के तहत पुणे में एफआईआर दर्ज हुई है, इन दोनों पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप है, शिकायतकर्ताओं के मुताबिक शनिवार वाडा में बीते 31 दिसंबर को मेवाणी और खालिद ने कार्यक्रम में भड़काऊ भाषण दिया था, जिसके बाद हिंसा भड़की, जिसके बाद बुधवार को दलित नेता प्रकाश अंबेडकर की अगुवाई में कई संगठनों ने राज्य बंद बुलाया।
इस दौरान मुंबई समेत कई इलाकों में हिंसा हुई, मुंबई पुलिस ने कुल 25 लोगों पर एफआईआर दर्ज की है, इसके अलावा कुल 300 लोगों को हिरासत में लिया गया है।