सिटी रिपोर्टर
भोपाल, 5 जनवरी। राजधानी में तीन साल में पैसा दोगुना करने का लालच देकर करीब पौने दो सौ लोगों को ठगने वाली कंपनी के खिलाफ कलेक्टर डॉ. सुदाम खाड़े ने कड़ा फैसला सुनाया है। जिसके मुताबिक अब कंपनी की राजधानी और सीहोर की प्रॉपर्टी कुर्क की जाएगी। कलेक्टर ने कंपनी के समस्त बैंक खाते भी सीज करने के आदेश दिए हैं। मालूम हो कि तीन साल में पैसे दोगुना करने के लालच में 172 लोगों ने 65 लाख रुपए गंवा दिए। इन लोगों ने मैसर्स सनशाइन इंफ्रा बिल्ड कारपोरेशन लिमिटेड कंपनी में एफडी कराई थीं लेकिन तय समय के बाद मैच्योरिटी नहीं होने पर ठगी का शिकार हुए लोगों ने कलेक्टर कोर्ट में केस दर्ज कराया। बुधवार को कोर्ट ने कंपनी के एमपी नगर स्थित अनूप टॉवर को कुर्क करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने कंपनी के भोपाल जिले की बैंकों के खाते भी सीज कर दिए हैं।
लक्ष्मीनारायण नामदेव पिता सूरजमल सहित 171 लोगों ने कलेक्टर कोर्ट में केस दर्ज कराया, जिसमें बताया गया कि चेतक ब्रिज के पास स्थित अनूप टॉवर में सनशाइन इंफ्रा बिल्ड चिटफंड कंपनी में तीन साल में राशि दोगुना करने की बात कही गई थी। जिसके तहत करीब 200 लोगों ने एफडी कराई। जिसमें करीब 65 लाख रुपए कंपनी में जमा किया गया। मैच्योरिटी पूरी होने के बाद जब कंपनी के दफ्तर में राशि लेने पहुंचे तो पता चला कि कंपनी बंद कर दी गई है। जांच में पता चला कि कंपनी का संचालक रॉयल पैलेस कॉम्पलेक्स विकास मार्ग लक्ष्मी नगर दिल्ली में रहता है, जबकि छह अन्य संचालक बनवारी लाल बघेल निवासी रिडोली माथी का पुरा जिला भिंड, वकील सिंह सीताराम कॉलोनी ग्वालियर, संजीव सिंह हरिराम का पुरा ग्राम सिमराव जिला भिंड, राजवीर सिंह ग्राम खुदारिया थान बरासु जिला भिंड, सुरेंद्र सिंह बघेल निवासी एमजे कॉलेज के पीछे ऊषा कॉलोनी भिंड और धर्म सिंह कुशवाह निवासी भवानीपुरा भिंड पर केस दर्ज किया गया है। कंपनी के स्वामित्व में एमपी नगर जोन 2 स्थित अनूप टॉवर पाई गई है। जिसे कुर्क करने के आदेश कलेक्टर डॉ सुदाम खाड़े ने दिए हैं।
सीहोर की प्रापर्टी भी होगी कुर्क
जांच में पता चला है कि कंपनी की सीहोर में जमीन है। इस प्रापर्टी को कुर्क करने के लिए कलेक्टर सीहोर को पत्र लिखा गया है, जिससे इस प्रापर्टी की खरीद-फरोख्त पर रोक लगाई जाए। कलेक्टर ने कंपनी की अन्य प्रापर्टियों के बारे में जानकारी मांगी है, जिससे इन प्रापर्टियों को कुर्क किया जा सके।
ऐसे हुई ठगी
कंपनी ने तीन साल पहले तीन साल में राशि दोगुना करने का झांसा देकर लोगों से एफडी करार्इं थीं। इसके लिए जगह-जगह एजेंट बनाकर कमीशन दिया गया। जल्दी दोगुना राशि होने के झांसे में आकर करीब दो सौ लोगों ने मेहनत की कमाई यहां जमा करा दी, जबकि राशि वापस करने का समय आने पर कंपनी के संचालक कंपनी बंद कर भाग गए।