कोयला मंत्री ने नहीं की नई खदानें खोलने की घोषणा

प्रहलाद पटेल के ट्वीट पर विधायक बाल्मिक का पलटवार कहा-

परासिया, ७ जनवरी। पूर्व कोयला मंत्री और दमोह के सासंद के ट्वीट पर कोयलांचल में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। प्रहलाद पटेल ने ट्वीट कर पेंच कन्हान में चार नई कोयला खदाने खोलने की बात की थी। इस पर विधायक सोहन वाल्मिक ने आज पलटवार किया। उन्होंने कहा कि प्रहलाद पटेल इस मामले में सही नहीं है। कोयला मंत्री ने सवाल का जवाब देते हुए पेंच कन्हान में कोई खदान खोलने की घोषणा नहीं की।
विधायक वाल्मिक ने एक संवाददाता सम्मेलन में उक्त बातें कही। इस सम्मेलन में ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष हेमंत राय मौजूद थे। विधायक सोहन वाल्मिक ने कहा कि प्रहलाद पटेल ने पेंच कन्हान में चार नई कोयला खदानें खोलने के लिए लोकसभा में अपना प्रष्न रखा। जिसको सिरे से नकारते हुए केंद्रीय कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने घोडापल्ली, रामजिया, दिनसई रामजिया, दिनसई घोडापल्ली में खदानें खोलने का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि कोल इंडिया प्रबंधन की गलत नीतियों के कारण वेकोलि की पेंच कन्हान क्षेत्र की पांच अंडर ग्राउंड खदानों को बंद करने का निर्णय लिया गया है। जिसके विरोध में इंटक और कांग्रेस ने भूख हडताल, धरना आंदोलन तेज गति से किया। उन्होंने कहा कि प्रहलाद पटेल ने पेंच कन्हान में खदानें खोलने का प्रष्न किया था। उन्होंने कहा कि दमोह सांसद खदानों को बंद करने के निर्णय का लोकसभा में तत्काल विरोध नहीं कर सके। कोयला मंत्री बडकुही सेंट्रल हास्पिटल बनाने की घोषणा पर भी लोकसभा में जवाब नहीं मांग सके।
सदन में झूठ बोल रहे कोयला मंत्री
विधायक सोहन वाल्मिक ने कहा कि कोयला मंत्री सदन में झूठ बाले रहे है। खदानों को सुरक्षा कारणों से बंद करने की बात की गई जबकि ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा कि खदाने अपने उत्पादन लक्ष्य पर उत्पादन कर रही है। इनका उत्पादन पांच मिलियन टन होता है। इसलिए ये कहना कि इनका उत्पादन एक मिलियन टन से कम है गलत है। उन्होंने बीएमएस पर भी भ्रामक प्रचार करने के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि भाजपा भी मजदूरो ंको गुमराह कर रही है। उन्होंने कहा कि पाथाखेडा से मजदूरों का ट्रंासफर और डीएवी स्कूल झुर्रे में नहीं खोलना भी साजिश है। उन्होंने प्रहलाद पटेल और प्रकाश जावडेकर पर चुनावी राजनीति करने का आरोप लगाया।
खदान बंदी पर कोर्ट जाएगी इंटक
विधायक सोहन वाल्मिक और इंटक के कन्हान एरिया कमेटी अध्यक्ष मदन जंघेला ने कहा कि खदान बंदी पर इंटक हाईकोर्ट जा रही है। क्योंकि खदानों का बंद करने की एक पूरी तैयारी होती है। खदानें बंद कर कई मिलियन टन कोयला डुबाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस मामले मे वेकोलि ने एक केविएट अपने अधिवक्ता ग्रीष्म जैन के माध्यम से हाईकोर्ट में लगाया है। जिससे स्टे नहीं मिल सकता है। लेकिन कोर्ट से राहत पाने का प्रयास किया जाएगा।