पाकिस्तान को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सख्त लहजा अख्तियार करते हुए ट्वीट करते हैं, वहीं व्हाइट हाउस पाकिस्तान को चेतावनी देता हुआ नजर आता है, लेकिन किस लिए और क्योंकर यह समझ से परे होता जा रहा है। दरअसल समझा जा रहा था कि हाफिज सईद जैसे आतंकियों पर कार्रवाई नहीं करने के कारण अमेरिका पाकिस्तान से नाराज है, लेकिन ट्रंप ने स्पष्ट कर दिया कि सईद को छोडऩे या बंद करने से उसके बयान का कोई लेना-देना नहीं है। अब यदि आतंकवाद मामला नहीं है तो फिर व्हाइट हाउस यह क्यों कह रहा है कि अगर पाकिस्तान अपने यहां संरक्षण प्राप्त तालिबान और हक्कानी नेटवर्कों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई नहीं करता तो अमेरिका के पास सभी विकल्प खुले हैं। जानकारों की मानें तो इस दोहरी नीति के कारण ही अमेरिका की विश्वसनीयता पर खुद व खुद सवाल खड़े होने लगते हैं।