श्रीराम-लक्ष्मण को पाताल लोक हर ले गया अहिरावण

रायसेन। श्रीरामलीला महोत्सव में रविवार को स्थानीय कलाकारों द्वारा अहिरावण वध की लीला का मंचन किया। जिसे देखने के लिए हजारों की संख्या में दर्शक रामलीला मैदान में मौजूद थे। प्रस्तुत की गई लीला के अनुसार रामादल ने जब भगवान श्रीराम और लक्ष्मण जी नींद में होते है,उसी दौरान पाताल लोक का राजा अहिरावण छल कपट के साथ चकमा देकर प्रभु श्रीराम और लक्ष्मण को अपने कंधों पर बैठाकर पाताल लोक ले जाता है। जहां अहिरावण ने अपने द्वार पर मकरध्वज की तैनाती कर दी और कहा कि कोई भी अंदर प्रवेश ना कर पाए। इसी दौरान प्रभु श्रीराम लक्ष्मण की खोज करते हुए हनुमान जी पाताल लोक पहुंचते है और मकरध्वज को द्वार से हटने की बात कहते है तो वो उन्हें पहचानता नहीं तब हनुमान जी ने उसे ज्ञात कराया कि तू मेरा ही पुत्र है और मुझे अंदर जाने से रोक रहा है।

इसी बीच हनुमान जी मकरध्वज में जमकर युद्ध होता है और अंत में मकरध्वज को हनुमान जी पराजित करते हुए प्रवेश कर जाते है। इधर अहिरावण द्वारा प्रभु श्रीराम-लक्ष्मण की बलि की तैयारी करता है,इसी बीच मॉ काली अपने विकराल स्वरूप में प्रकट होती है,जैसे ही अहिरावण अपनी तलवार उठाता है तो देवी जी प्रकट होकर रोक देती है। इस तरह से हनुमान जी और अहिरावण के बीच युद्ध होता है जिसमें वह प्रहार करते हुए अहिरावण को ढ़ेर करते हुए प्रभु श्रीराम-लक्ष्मण को रिहा कराते हुए वापिस रामादल में ले आते है।