1000 करोड़ से बिरसिंहपुर प्लांट का होगा रिनोवेशन !

विद्युत नियामक आयोग को जेनको फिर भेजेगा प्रस्ताव
रजत परिहार (09425002527)
भोपाल, 8 जनवरी। प्रदेश के सरकारी थर्मल पावर प्लांटों की पुरानी हो चुकी विद्युत इकाइयों के रिनोवेशन करने की दिशा में प्रमुख सचिव ऊर्जा आईसीपी केशरी ने एक कदम आगे बढ़ाया है, ताकि पुरानी हो चुकी विद्युत इकाइयों से भी उनकी क्षमता के अनुरूप कम लागत में बिजली उत्पादन किया जा सके।
जिसकी शुरुआत उन्होंने संजय गांधी थर्मल पावर प्लांट बिरसिंहपुर की पुरानी हो चुकी 210 मेगावाट की इकाइयों से की है। इस संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रमुख सचिव ऊर्जा आईसीपी केशरी के निर्देश पर मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के प्रबंध संचालक आनंद प्रकाश भैरवे ने संजय गांधी थर्मल पावर प्लांट बिरसिंहपुर की 210-210 मेगावाट की दो विद्युत इकाइयों के रिनोवेशन करने का एक प्रस्ताव मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग को भेजा था। कंपनी को उम्मीद थी कि 1000 करोड़ रूपए के इस प्रस्ताव को हरी झंडी मिलने के बाद संजय गांधी थर्मल पावर प्लांट की यह इकाइयां भी फुल लोड पर बिजली उत्पादन करेंगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ और विद्युत नियामक आयोग ने जनरेटिंग कंपनी के इस प्रस्ताव में तकनीकी खामियां होने के कारण वापस लौटा दिया है। नियामक आयोग ने कंपनी से कहा है कि इस प्रस्ताव को दोबारा पूरी जानकारी के साथ भेजें, इसलिए फिलहाल यह मामला अधर में लटक गया है। अब जेनको कंपनी इसे फिर से भेजने की तैयारी कर रही है। लेकिन भविष्य में जब इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलेगी तो यह जरूर जेनको के लिए मील पत्थर साबित होगा।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी ने 210 मेगावाट की दो इकाइयों के रिनोवेशन का जो प्रस्ताव विद्युत नियामक आयोग को भेजा था। उसमें 75: पीएलएफ लाने के बात कही थी। जिस पर नियामक आयोग ने प्रश्न चिन्ह लगाते हुए इसे कैसे पूरा करने की बात कही है। क्योंकि प्रदेश में बिजली की डिमांड बहुत अधिक नहीं होने के कारण कैसे बिरसिंहपुर पावर प्लांट लगातार बिजली उत्पादन कर पाएगा और अगर प्लांट नहीं चलेगा तो फिर ऐसी स्थिति में 75: पीएलएफ कैसे आ सकता है। इतना ही नहीं, इस प्रस्ताव में एफडीआर की कास्ट का भी उल्लेख नहीं था, इसलिए विद्युत नियामक आयोग ने इस प्रस्ताव को वापस लौटा दिया है।