सरकार ने शिकायतें दर्ज करने के लिए एक स्थाई समिति और स्क्रीनिंग कमेटी बनाई

नई दिल्ली, ९ जनवरी। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कानून के तहत मुनाफाखोरी की शिकायतों में इजाफा होता जा रहा है और इसलिए वित्त मंत्रालय इन शिकायतों से निजात पाने के लिए जल्दी ही एक मानक संचालन प्रक्रिया लाएगा। जीएसटी कानून के तहत सरकार ने कर में कमी का लाभ ग्राहकों तक न पहुंचाने वाले व्यवसायियों के विरुद्ध उपभोक्ताओं की शिकायतें दर्ज करने के लिए एक स्थाई समिति और स्क्रीनिंग कमेटी बनाई है। उसके सामने अब तक 170 शिकायतें आ चुकी हैं। जीएसटी पहली जुलाई 2017 को लागू किया गया। प्राप्त शिकायतों में से 50 को आगे की जांच के लिए सुरक्षा महानिदेशालय (डीजीएस) को भेज दिया गया है और पांच की जांच शु्रू भी हो चुकी है।
सूत्रों के अनुसार डीजीएस के लिए बहुत बड़ी संख्या में शिकायतों की जांच कर उनकी रिपोर्ट राष्ट्रीय मुनाफाखोरी निवारक प्राधिकरण को भेज पाना व्यावहारिक नहीं होगा। कारण है कि नियमों के तहत रिपोर्ट तीन माह के अंदर देना जरूरी है और ज्यादा से ज्यादा तीन माह का समय और लिया जा सकता है। वित्त मंत्रालय एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार कर रहा है। इसमें स्थाई समिति और स्क्रीनिंग समित के लिए उपभोक्ताओं की शिकायतों से निपटने के लिए कुछ दिशानिर्देश होंगे। जीएसटी में मुनाफाखोरी के खिलाफ मौजूदा व्यवस्था के अंतर्गत पहले स्थानीय स्तर की शिकायतों को स्क्रीनिंग समिति और राष्ट्रीय स्तर की शिकायतों को स्थाई समिति के समक्ष भेजा जाता है। ये समितियां ठोस आधार वाली शिकायतों को आगे जांच के लिए डीजीएस को भेजती हैं।