स्कूली परिवहन व्यवस्था सुधारी जाए: शिवराज

भोपाल, 9 जनवरी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्कूली बच्चों की परिवहन व्यवस्था सुधारने के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि विद्यार्थियों के परिवहन में लगे वाहन निर्धारित मानदण्डों के अनुरूप होना सुनिश्चित किया जाए। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। चौहान ने स्पष्ट कहा कि 15 साल से अधिक पुरानी बसें स्कूलों में नहीं चलेंगी। साथ ही इन वाहनों की जांच के लिए ऑटोमैटिक फिटनेस सेंटर स्थापित किए जाएं।
मुख्यमंत्री चौहान ने आज यहां स्टेट हेंगर में संबंधित अधिकारियों की आपात बैठक ली। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों में बच्चों के परिवहन के लिए उपयोग की जाने वाली बसों की अधिकतम आयु सीमा 15 वर्ष निर्धारित करने के निर्देश तत्काल जारी किए जाएं। ऑटोमैटिक फिटनेस सेन्टर स्थापित किए जाएं, जिनमें बस सीधे अंदर जाएगी और फिटनेस की जांच ऑटोमैटिक तरीके से होगी। स्कूली बसों की स्पीड भी अधिकतम 40 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी। यदि ज्यादा गति पायी जाती है तो बस चालक के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी।
इसके अलावा स्पीड गवर्नर और जीपीएस की क्वालिटी में सुधार के लिए एक केन्द्रीयकृत डाटा सेन्टर बनाने का भी निर्णय लिया गया है। इस सेन्टर के माध्यम से बसों की लोकेशन और स्पीड का अनुमान लगाया जा सकेगा कि कौन-सी बस स्पीड से ज्यादा चल रही है। इससे बसों की स्पीड कंट्रोल करने में मदद मिलेगी। चौहान ने कहा कि परिवहन विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ पुलिस विभाग के अधिकारियों के माध्यम से भी नियमित रूप से शैक्षणिक संस्थानों में उपयोग होने वाले वाहनों के मापदण्डों के अनुरूप होने की जांच सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूली बच्चों के परिवहन में उपयोग किए जाने वाले वाहनों को मापदण्डों के अनुरूप सुनिश्चित करने के लिये पालकों की सहभागिता हेतु उनकी शैक्षणिक संस्था के स्तर पर समिति गठित की जाये। इस व्यवस्था को सुनिश्चित कराने के लिये जिला स्तर पर जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक व क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी तथा अनुभाग स्तर पर अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) तथा अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) की भी समिति गठित की जाए।
चौहान ने कहा कि ऑटोमैटिक ड्रायविंग टेस्ट ट्रेक्स बनाये जाएं। स्कूली बच्चों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए वाहनों की क्षमता के दृष्टिगत अधिकतम बच्चों की संख्या निर्धारित की जाकर उसका पालन सुनिश्चित किया जाए। साथ ही बसों में सीट बेल्ट लगाए जाने की व्यवस्था के लिये समस्त शैक्षणिक संस्थाओं को समझाइश दी जाए। इन निर्देशों का पालन नहीं करने वाली शालाओं की मान्यता तत्काल निरस्त करने हेतु कार्यवाही की जाए। सी.बी.एस.ई/आई.सी.एस.ई. अथवा अन्य बोर्ड से संबंधित शालाओं द्वारा यदि स्कूल बसों की सुरक्षा से संबंधित उपर्युक्त निर्देशों का पालन नहीं करने पर उनकी संबद्धता के लिए राज्य शासन द्वारा जारी किए गए अनापत्ति प्रमाण पत्र को निरस्त करने की कार्यवाही की जाए। बैठक में प्रमुख सचिव परिवहन मलय श्रीवास्तव, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव अशोक वर्णवाल, प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन विवेक अग्रवाल, प्रमुख सचिव स्कूली शिक्षा श्रीमती दीप्ति गौड़ मुखर्जी आदि अधिकारी उपस्थित थे।
टेकनपुर में मोदी ने किया अश्रुगैस इकाई का अवलोकन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दो दिवसीय प्रवास के दौरान मध्यप्रदेश के ग्वालियर के समीप टेकनपुर में स्थित सीमा सुरक्षा बल अकादमी में अश्रुगैस इकाई का अवलोकन किया। मोदी ने अश्रुगैस इकाई के संबंध में अधिकारियों से जानकारी हासिल की। मोदी राज्यों के पुलिस महानिदेशकों और पुलिस महानिरीक्षकों के सम्मेलन में शामिल होने के लिए कल यहां पहुंचे थे। रात्रि विश्राम के बाद आज उन्होंने फिर सम्मेलन में हिस्सा लिया और अनेक इकाइयों का अवलोकन करके जानकारियां बारीकी से हासिल कीं।
मोदी ने देश से लेकर विदेश में अश्रुगैस के गोले प्रदाय करने वाली इकाई पहुंच कर उसके संबंध में जानकारी हासिल की। वहीं उसे और किस तरह से आधुनिक और कारगर बनाया जा सकता है, इस पर भी चर्चा की। उनके साथ गृह राज्य मंत्री किरण रिजुजू और हंसराज अहीर के अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।