रंगों पर राजनीति

गत दिवस पश्चिम बंगाल सरकार ने मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी के जन्मदिन पर सरकारी लोगों जारी किया, जिसमें हरे रंग को प्राथमिकता दी गई। रंग चर्चा का विषय रहा। उत्तरप्रदेश में हज हाउस पर नारंगी रंग लोगों की आंखों को इतना चुभा कि दूसरे ही दिन रंग बदल दिया गया। सनातन धर्म में आदि गुरू शंकराचार्य के योगदान के संबंध में प्रदेश में निकाली जा रही ‘एकात्म यात्रा में पिछले दिनों रंगों को लेकर प्रबुद्धजनों ने अपने विचार व्यक्त किए। हालांकि रंगों का कोई धर्म नहीं होता, लेकिन लोगों ने उसे धर्मों से जोड़कर अपने-अपने चश्मे से उसे जनता को भी दिखाने का प्रयास किया। मीडिया इसमें सहभागी बना। सामाजिक सरोकार कहता है कि धर्म और दर्शन पर बात होनी चाहिए। सामाजिक समरसता पर बातें होनी चाहिए, लेकिन धर्म को हित साधने का माध्यम नहीं बनाना चाहिए। सभी धर्मों की शिक्षाएं आपसी मेलजोल और इंसानियत की बातें कहती है, लेकिन व्यक्ति उसे अपने-अपने आईने से देखकर उसकी व्याख्या करता है।