निज संवाददाता
भोपाल, 13 अक्टूबर। परिवार के मुखिया का आधार नंबर अनिवार्य करने के बाद राजधानी में बीपीएल परिवारों की तादाद लगातार घट रही है। छह महीने पहले जहां जिले में 3 लाख 95 हजार परिवार बीपीएल से जुड़े थे। जो अब घटकर 3 लाख 19 हजार 330 रह गए हैं। जिसके तहत करीब 14 लाख 50 हजार 263 सदस्य हैं। इनमें से भी तीन महीने तक राशन नहीं लेने वाले करीब डेढ़ हजार परिवारों ने अपने राशन कार्ड सरेंडर कर दिए हैं। जिससे इन परिवारों के नाम बीपीएल की लिस्ट से काट दिए गए हैं। इसके आधार पर खाद्य विभाग ने अनाज का कोटा भी घटा दिया है।
राजधानी में प्रतिमाह करीब तीस फीसदी परिवार राशन नहीं लेते हैं, जिससे पीडीएस की दुकानों पर प्रतिमाह राशन का स्टॉक जमा हो जाता है। इसको देखते हुए खाद्य विभाग ने लगातार तीन महीने तक राशन नहीं लेने वाले परिवारों की जांच कराई है। जिसमें करीब डेढ़ हजार परिवार ऐसे सामने आए हैं। जिनके नाम लिस्ट से काट दिए गए हैं। इधर जांच में ऐसे करीब 15 हजार सदस्य सामने आए हैं, जिनका राशन भी डिलीट कर दिया गया है। जिले के 3 लाख 19 हजार 330 बीपीएल परिवारों को 83 हजार 83 क्विंटल अनाज की खपत होती है। खाद्य विभाग यह अनाज जिले की 405 राशन दुकानों पर भेजता है, जिसका वितरण किया जाता है। इसमें 67 हजार 71 क्विंटल गेहूं और 16 हजार 12 क्विंटल चावल सप्लाई किया जाता है। इधर 75 हजार 965 लीटर केरोसिन और 3 हजार 193 क्विंटल नमक बांटा जाता है। बिना आधार के राशन नहीं देने के नियम के बाद भी जिले में करीब 40 फीसदी बीपीएल परिवारों को रजिस्टर से राशन बांटा जा रहा है। पीडीएस दुकानदारों का तर्क है कि इन लोगों के आधार कार्ड प्वाइंट ऑफ सेल मशीन में फीड हैं, लेकिन फिंगर प्रिंट मैच नहीं होने की वजह से मैनुअल राशन बांटना पड़ता है।
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