सिटी रिपोर्टर
भोपाल, 10 जनवरी। यह साल चुनावी साल हैं इस साल सरकार की नीतियों के खिलाफ चल रहे लोगों लगातार मोर्चा खोल रहे है। इसी कड़ी में मंगलवार को मप्र के तहसीलदार और नायब तहसीलदारों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मंगलवार से तीन दिन हड़ताल पर चले गए है। बताया जा रहा है कि ये हड़ताल 3 महीने में नामांतरण न होने पर राजस्व अधिकारी से 1 लाख रुपए वसूलने के निर्णय का विरोध में की जा रही है।
सीएम की इस घोषणा के विरुद्ध सभी 700 तहसीलदार और नायब तहसीलदारों ने 9 से 11 जनवरी तक सामूहिक अवकाश का फैसला लिया है। हड़ताल कर रहे तहसीलदार और नायब तहसीलदारों का कहना है कि यह आदेश तहसीलदारों को हतोत्साहित कर देने वाला है। 28 दिसंबर 2017 को जारी आदेश राजस्व अधिकारी व कर्मचारियों के लिए अमानवीय है। इस लेकर तीन दिनी सामूहिक अवकाश रहेगा। सरकार को इस निर्णय को वापस लेना होगा।
बता दें कि बीते दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंदसौर जिले के भानपुरा गांव में आयोजित एक सभा में घोषणा की थी कि यदि कोई व्यक्ति तीन महीने पुराना अविवादित नामांतरण या बंटवारे के लंबित प्रकरण की जानकारी देता है,तो उसे एक लाख रुपए इनाम दिया जाएगा। यह राशि अधिकारी व कर्मचारी से वसूली जाएगी।हालांकि इसके पहले उन्होंने सरकार को चेतावनी दी थी कि यदि उनकी मांग मानते हुए शासन ने एक लाख रुपए जुर्माने वाला आदेश 8 जनवरी तक निरस्त नहीं किया तो राजस्व अधिकारी हाईकोर्ट की गुहार लगाने के लिए मजबूर हो जाएंगे।
तहसीलदार व नायब तहसीलदार स्टॉफ और संसाधन की कमी के बावजूद राजस्व विभाग के साथ साथ 33 अन्य विभागों का काम देख रहे हैं। ऐसे में यह आदेश जारी होना सभी राजस्व अधिकारियों को अपमानित करने वाला है।