कोलारस चुनाव कार्तिकेय के लिए राजनीति सीखने का मैदान बनेगा…!

कोलारस और मुंगावली उपचुनाव बना नाक का सवाल
उदित नारायण
भोपाल, 10 जनवरी। मध्यप्रदेश में दो उपचुनाव जिसमें मुंगावली और कोलारस विधानसभा भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के लिए अग्निपरीक्षा के समान लगने लगा है। दोनों उपचुनाव में एक तरफ कांग्रेस के दमदार सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पूरी ताकत झोंक दी है वहीं दूसरी ओर प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित पूरी पार्टी के मंत्रियों सहित नेताओं ने ताकत लगा दी हालांकि दोनों ही सीट कांग्रेस का गढ़ रहीं हैं।
दोनों ही उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने जातिगत आधार पर भाजपा के नेताओं को उतारा है जिसमें मुख्यमंत्री ने अपने बेटे कार्तिकेय को किरार समाज की बैठक लेने के लिए भेजा है यानी इस बार भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों ही पार्टी चुनाव में कोई गलती करने के मूड में नहीं है एक और भारतीय जनता पार्टी जो इसके पहले चित्रकूट चुनाव की हार का बदला लेने के मूड में दिख रही है वहीं दूसरी और कांग्रेस मुंगावली और कोलारस जीत का लक्ष्य लेकर हैट्रिक बनाने के मूड में है जिसका प्रभाव आने वाले 2018 के विधानसभा चुनाव में पड़ेगा। बड़ी बात नहीं है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे भी इस चुनाव में प्रचार करने के लिए मैदान मे उतर पड़ें। लेकिन शिवराज सिंह चौहान ने जिस तरह से कार्तिकेय चौहान को चुनाव मैदान में उतारा है उससे लगता है कि कोलारस का उपचुनाव कार्तिकेय चौहान के लिए राजनीति सीखने का मैदान बनेगा।
उल्लेखनीय है कि दोनों ही विधानसभा चाहे मुंगावली हो या कोलारस ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रभाव क्षेत्र वाली सीटें हैं और दोनों सीटें जीतना कांग्रेस के लिए जरूरी है क्योंकि इन दोनों सीटें के उपचुनाव परिणाम आने वाले विधानसभा चुनाव को भी प्रभावित करेंगे और कांग्रेस की रीति नीति तय करने में मील का पत्थर साबित होंगे। इन सीटों को जीतते के लिए जहां भाजपा के साथ शिवराज कार्तिकेय को साथ पूरा दम-खम लगा रहे हैं वहीं दूसरी ओर ज्योतिरादित्य सिंधिया भी अपना एडी-चोटी का जोर लगा रहे हैं।
मुंगावली विधानसभा भारतीय जनता पार्टी 2013 में महेंद्र सिंह कालूखेड़ा से लगभग 20000 मतों से हार चुकी है। गौरतलब है कि कांग्रेस के प्रत्याशी बाहरी होने के साथ-साथ गैर यादव थे, इनके निकटतम प्रतिद्वंदी राव देशराज सिंह यादव कुल 36 प्रतिशत वोट हासिल कर पाए थे, वहीं तीसरे नंबर पर बहुजन समाज पार्टी के बलवीर 12000 वोट हासिल किए थे। अगर चुनावी गणित समझा तो मुंगावली में यादव दांगी सहरिया लोधी सहित 50 छोटी बड़ी जातियों के लोग रहते हैं इस बार भारतीय जनता पार्टी से राव देशराज सिंह यादव के देहांत होने के बाद उनकी पत्नी और बेटा दोनों टिकट मांग रहे हैं वहीं दूसरी ओर कांग्रेस से केपी सिंह यादव और राम सिंह यादव का नाम भी दावेदारों में है यादव समाज के वोट निर्णायक रहेंगे। सूत्रों की मानें तो बहुजन समाज पार्टी अंदर ही अंदर भारतीय जनता पार्टी को सपोर्ट कर सकती है इससे चुनावी गणित बदलेगा अब देखना यह है कि कौन सी पार्टी किस प्रत्याशी पर अपना दांव खेलेगी।
बात कोलारस की करें तो यहां का गणित भी जातिगत आधार पर है यह कांग्रेस के राम सिंह यादव 2013 में 73546 वोट ले गए थे दूसरे नंबर पर भारतीय जनता पार्टी के देवेंद्र जैन को लगभग 50000 वोट मिले थे तीसरे पायदान पर बहुजन समाज पार्टी के चंद्रभान यादव को 24000 वोट हासिल हुए हैं यहां जीत का अंतर लगभग 25 हजार था यानी देखा जाए तो दोनों ही जगह कांटे की टक्कर है कोलारस से इस बार राम सिंह यादव के पुत्र महेंद्र यादव अपनी दावेदारी जता रहे हैं वही रघुवंशी समाज से बंटी रघुवंशी भी दावेदारी कर रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी से देवेंद्र जैन जो पिछली बार चुनाव हारे थे वह भी दावेदारी कर रहे हैं और रघुवंशी समाज से वीरेंद्र रघुवंशी भी दावेदारी कर रहे हैं मजेदार बात यह है कि भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष सुशील रघुवंशी भी टिकट के दावेदारों की लाइन में खड़े हैं जबकि एक तरफ तो भारतीय जनता पार्टी ने यह कहा था कि पार्टी के जिलाध्यक्ष टिकट की दावेदारी नहीं करेंगे।
कोलारस चुनाव प्रभारी विधायक रामेश्वर शर्मा मोर्चा संभाल रहे हैं वहीं दूसरी ओर मुंगावली में अरविंद सिंह भदौरिया ने मोर्चा संभाल रखा है शिवराज सिंह चौहान लगातार सभाएं ले रहे हैं, जाहिर सी बात है घोषणाएं भी हो रही होंगी लगभग 20 से 25 करोड़ की घोषणा हो चुकी हैं कुछ घोषणाएं तो जातिगत आधार पर की गई है जिसमें प्रमुख तौर पर सहरिया जाति का सम्मलेन होना वह भी करीला माता के दरबार में जिसमें सहरिया आदिवासी पिछड़े वर्ग के लोगों के लिए कई घोषणाएं करें अब देखना यह है कि सहरिया समाज के लोग जो कि शबरी माता को मानते हैं किसे वोट करेंगे भाजपा को या कांग्रेस को क्योंकि एक तरफ तो कुछ लोगों का कहना है कि सहरिया समाज के लोगों को महाराज याने सिंधिया परिवार ने यहां लाकर बसाया है और जमीन मुहिया करवाई है। आरएसएस की इस चुनाव में क्या भूमिका रहेगी इसकी अटकलें ही लगाई जा सकती है क्योंकि संघ प्रमुख भागवत भोपाल आ रहे हैं अमित शाह जी राष्ट्रीय अध्यक्ष भी भोपाल के आसपास नेटवर्क तेज कर रहे हैं।