भगवान अभिमान वाली वस्तु को हमसे दूर कर देते : मंदाकिनी देवी

खुरई। पूज्य मंदाकिनी देवी के पावन सानिध्य में ग्राम सबदा में आयोजित विशाल श्रीमद् भागवत कथा के अंतर्गत कल की कथा में प्रभु की बाल लीलाओं को पूज्य देवी जी द्वारा बड़े ही सुंदर ढंग से श्रवण कराने के बाद आज कृष्ण-रुकमणी विवाहोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया गया।
कथा प्रसंग को प्रारंभ करते हुए कथा वाचक मंदाकिनी देवी ने कहा कि अपनी वस्तु पर अभिमान करने से पहले हमें यह सोच लेना चाहिए कि भगवान अभिमान वाली वस्तु को हम से दूर कर देते है।
जैसे कि उद्धव को अपनी विद्ववता पर बड़ा अभिमान था, तब भगवान ने उनको ब्रज में भेजा और जब उद्धव जी मथुरा से चले तो वृन्दावन निकट आया, वहीं से प्रेम ने अपना अनोखा रंग दिखलाया। उद्धव जी जब ब्रज पहुंचे तो ब्रज गोपीयो ने प्रेम परिभाषा देते हुए उनकी विद्ववता के अभिमान को प्रेम रुपी चादर से ढक दिया तब उद्वव जी ने ब्रज गोपीयो से कहा कि मेरा ज्ञान आपके कृष्ण प्रेम के आगे शून्य है। इस प्रकार भगवान ने उनके ज्ञान रुपी अभिमान को चूर चूर किया।