नई दिल्ली 12 जनवरी। सेंचुरियन का सुपर स्पोर्ट्स ग्राउंड भारत-दक्षिण अफ्रीका सीरीज़ के दूसरे टेस्ट के लिए तैयार है। साल 2016 में इस मैदान को नए सिरे से बनाया गया. विराट कोहली की टीम इंडिया के लिहाज से चिंता की बात यह है कि इस मैदान की पिच और आउट फ़ील्ड तेज़ है। पिच पर घास छोड़े जाने की तैयारी है ताकि दक्षिण अफ्रीका यहां भी केपटाउन की तरह जीत को दोहरा पाए. वैसे भी ये मैदान दक्षिण अफ्ऱीका के लिए बेहद भाग्यशाली रहा है। केपटाउन टेस्ट में वेर्नोन फिलेंडर, मोर्ने मोर्कल, कागिसो रबाडा और डेल स्टेन ने केपटाउन की पिच पर भारतीय बल्लेबाज़ी को बिखेर दिया था। डेल स्टेन के अनफि़ट होने के बाद भी टीम इंडिया को राहत नहीं मिलने वाली. दक्षिण अफ्ऱीका के कोच ऑटिस गिब्सन ने कहा है कि सेंचुरियन में भी दक्षिण अफ्रीका की टीम चार तेज़ गेंदबाज़ों के साथ मैदान में उतरेगी। वैसे भी सेंचुरियन मैदान दक्षिण अफ्रीका के लिए भाग्यशाली रहा है। यहां खेले गए 22 टेस्ट में 17 में दक्षिण अफ्रीका को जीत हासिल हुई है. दो में दक्षिण अफ्रीका की टीम हारी है जबकि में प्रोटियाज़ हारे हैं जबकि 3 मैच ड्रॉ रहे हैं। दूसरी ओर, भारत ने यहां एक टेस्ट मैच खेला है। दिसंबर 2010 में खेले गए उस टेस्ट में टीम इंडिया को एक पारी और 25 रन से हार का सामना करना पड़ा था। वेर्नोन फिलेंडर, मोर्ने मोर्कल और कागिसो रबाडा का सेंचुरियन में रिकॉर्ड शानदार रहा है। रबाडा ने यहां 2 टेस्ट मैच में 18, मार्कल ने 7 में 28 जबकि फिलेंडर ने 5 मैच में 22 विकेट लिए हैं। पहले टेस्ट में बुरी तरह नाकाम रहे हाशिम अमला के लिए सेंचुरियन ग्राउंड भाग्यशाली रहा है। अमला ने सेंचुरियन में 11 टेस्ट मैच में 80.13 की औसत से 1202 रन बनाए हैं जिसमें 5 शतक और 6 अर्धशतक शामिल हैं। ज़ाहिर है पहला टेस्ट गंवाने के बाद विराट कोहली और कंपनी के सेंचुरियन में वापसी आसान नहीं होगी। वैसे भी वीरेंद्र सहवाग जैसे पूर्व दिग्गज़ बल्लेबाज को टीम की वापसी की संभावना सिफऱ् 30 फ़ीसदी नजऱ आ रही है।