भारतीय टीम के इस गेंदबाज का विश्व रिकॉर्ड: नाडकर्णी

नई दिल्ली। खेलों की दुनिया में हर रोज नए रिकॉर्ड बनते और टूटते हैं, लेकिन क्या आप यकीन करेंगे कि क्रिकेट के मैदान पर बना एक रिकॉर्ड ऐसा है जो पांच दशक के बाद भी नहीं टूट सका है। खास बात यह है कि यह रिकॉर्ड एक भारतीय गेंदबाज के नाम पर हैं। हरफनमौला की हैसियत से भारत के लिए 41 टेस्ट मैच खेले बापू नाडकर्णी की छवि एक बेहद कंजूस गेंदबाज की थी। उनकी गेंदों की लाइन और लेंथ इतनी सटीक होती थी कि बल्लेबाज के लिए उनके खिलाफ रन बनाना बेहद मुश्किल होता था. अपनी इस किफायती गेंदबाजी का परिचय उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच के दौरान दिया था। वर्ष वर्ष 1963-64 में इंग्लैंड के खिलाफ तत्कालीन मद्रास (चेन्नई) टेस्ट में लगातार 21 ओवर मेडन डाले थे। इंग्लैंड की पहली पारी के दौरान उन्होंने 32 ओवर गेंदबाजी की थी, इसमें 27 मेडन थे। 32 ओवर की गेंदबाजी में उन्होंने केवल पांच रन दिए थे यानी उनके मेडन नहीं रहे पांच ओवरों में भी एक-एक रन बना था। यह मैच 10 से 15 जनवरी (एक रेस्ट डे मिलाकर) तक 1964 को खेला गया था।

4 अप्रैल 1933 को महाराष्ट्र के नासिक में जन्में बापू नाडकर्णी का पूरा नाम रमेशचंद्र गंगाराम नाडकर्णी था। बाएं हाथ से स्पिन गेंदबाजी और बल्?लेबाजी करने वाले बापू ने भारतीय टीम के लिए 41 टेस्ट खेले। इसमें उन्होंने 25.70 के औसत से 1414 रन बनाए जिसमें एक शतक और सात अर्धशतक जमाए. गेंदबाजी में उन्होंने 29.07 के औसत से 88 विकेट हासिल किए। पारी में 5 या इससे अधिक विकेट उन्होंने चार बार लिए जबकि एक बार वे मैच में 10 या इससे अधिक विकेट लेने में सफल रहे। 43 रन देकर छह विकेट उनका टेस्ट में सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी प्रदर्शन रहा। नाडकर्णी ने अपना पहला टेस्?ट दिसंबर 1955 में न्यूजीलैंड के खिलाफ दिल्ली में खेला था। इसी टीम के खिलाफ वर्ष 1968 में उन्होंने अपना आखिरी टेस्ट खेला।
घरेलू क्रिकेट में भी बापू बेहद सफल रहे. उन्होंने 191 प्रथम श्रेणी मैचों में 40.36 के प्रभावी औसत से 8880 रन (सर्वोच्च नाबाद 283) बनाने के अलावा 21.37 के औसत से 500 विकेट लिए. घरेलू क्रिकेट में 17 रन देकर छह विकेट उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा।