नहीं माने तो स्कूल की एनओसी होगी रद्द

बसों में जीपीएस, स्पीड गवर्नर, सीसीटीवी कैमरे जरूरी
सिटी रिपोर्टर
भोपाल, 1२ जनवरी। इंदौर स्कूल बस हादसे में बच्चों की मौत के बाद प्रशासन ने स्कूल बसों पर सख्ती शुरू कर दी है।  स्कूलों को बसों की फिटनिस सुधारने के लिए सोमवार तक की मोहलत दी गई है। इस अवधि में सभी स्कूलों को बस, बच्चों की संख्या, बसों से जाने-आने वाले बच्चों की संख्या, फीस की जानकारी और बसों की फिटनिस की जानकारी प्रशासन के जागरुक पोटर्ल पर अपलोड करना होगी।
मंगलवार के बाद जिला प्रशासन, पुलिस और आरटीओ मिलकर स्कूलों के खिलाफ अभियान चलाएंगे। इस दौरान वेबसाइट पर अपलोड जानकारी से स्कूलों का मिलान किया जाएगा। जिन स्कूल बसों की फिटनिस सही नहीं होगी, उन्हें जब्त किया जाएगा। लापरवाही बरतने वाले स्कूलों की एनओसी भी प्रशासन रद्द कर सकता है। गुरुवार को स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर जिला पंचायत भवन में हुई राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग की बैठक में यह निर्णय हुआ।
आयोग के अध्यक्ष पीएस कानूनगो ने साफ कह दिया है कि बच्चों की सुरक्षा से किसी भी प्रकार का खिलवाड़ नहीं किया जाएगा। अगर जरूरत पड़ती है, तो सीबीएसई स्कूलों की मान्यता रद्द करने की अनुशंसा आयोग करेगा। आयोग और जिला प्रशासन के सख्त रवैये के बाद स्कूल संचालक और बस संचालक ने भी चुप्पी साध ली। इससे पहले बस ऑपरेटर्स की बैठक भी हुई।

बस ऑपरेटर्स बोले, स्पीड गवर्नर घटिया हैं
स्कूल बस एसोसिएशन की बैठक भी गुरुवार को हुई। बैठक के दौरान बस ऑपरेटर्स का कहना था कि आरटीओ ने स्कूल बसों में स्पीड गर्वनर लगवाए हैं। यह घटिया क्वालिटी के हैं। इससे स्पीड कंट्रोल नहीं होती। इसके बाद भी आरटीओ अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही। बस ऑपरेटर्स का कहना था कि वे साल में तीन बार स्पीड गर्वर बदलवा चुके हैं। आरटीओ द्वारा बार-बार स्पीड गर्वनर बदलवाया जा रहा है।