महिला का सड़क पर हुआ प्रसव, बच्चे की मौत

निज संवाददाता
परासिया, 1२ जनवरी। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परासिया में प्रसव के लिए आई महिला ने आज सडक पर बच्चे को जन्म दिया। महिला के शरीर में खून की कमी के चलते बच्चे की मौत हो गई। महिला को आशा कार्यकर्ता डिलिवरी के लिए लेकर आई थी। लेकिन महिला को अस्पताल छोडकर वह अपने काम से निकल गई थी। बाद में महिला अस्पताल से चली गई और सडक पर मृत बच्चे को जन्म दिया।
महिला को परासिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र 108 एंबुलैंस से भेजा गया। यहां शरीर में खून के मात्रा 4 प्वाइंट रहने से उसे छिंदवाडा रिफर किया गया। जहां खबर लिखे जाने तक उसे एक यूनिट रक्त चढाया जा चुका था। घटना को लेकर मिली जानकारी के अनुसार कोहका दमुआ निवासी उर्मिला पति अनिल काकोडिया उम्र 39 वर्ष जांच के लिए 9 जनवरी को परासिया अस्पताल आई थी। यहां उसकी रक्त जांच में हीमोग्लोबिन 6 प्वाइंट पाया गया। उसे छिंदवाडा जाकर ब्लड चढाने के लिए कहा गया। महिला से कहा गया कि यदि रक्त नहीं चढाया तो उसके प्रसव में परेशानी हो सकती है।
जच्चा और बच्चा को बचाने के लिए सरकार करोडो रुपए खर्च करती है। लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कुछ और है योजनाएं लापरवाही की भेंट चढ रही है। महिला के गर्भवती होने के बाद आंगनबाडी केंद्र में इसकी जानकारी दर्ज की जाती है। यहां से उसकी जांच आदि होती है। एएनएम, आशा कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी होती है। नियमित चैकअप, टीके आदि लगते है। लेकिन फिर ऐसा क्या हुआ कि महिला के नौ महिने पूरे हो गए, खून चार ग्राम तक पहुंच गया, प्रसव सडक पर हुआ और बच्चा मृत पैदा हुआ। जिम्मेदारी किसकी है। जांच होना चाहिए और जिम्मेदारी तय कर कार्रवाई की जानी चाहिए। वहीं आशा कार्यकर्ता ने चिकित्सकों को बताया कि महिला अकेली थी। उसने अपने पति और परिवार लोगों के साथ आने के लिए कहा और खुद ही घर जाने की इच्छा व्यक्त की थी।
महिला अस्पताल से बिना बताए चली गई-बीएमओ
इस मामले में बीएमओ डा जानकी सिंह ने कहा कि महिला अस्पताल से बिना बताए चली गई। महिला को रक्त जांच के लिए कहा गया था। भर्ती प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी। महिला को जिला अस्पताल भेज दिया गया है।