ईरान, 14 जनवरी। ईरान के साथ न्यूक्लियर डील को अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप द्वारा कूड़ा कहे जाने और डील को जिंदा रखने के लिए नए सख्त प्रावधान लाने की मांग के बाद ईरान ने दो-टूक कहा है कि न्यूक्लियर डील में किसी भी तरह का संशोधन उसे स्वीकार नहीं है। ईरान के विदेश मंत्रालय ने शनिवार को कहा, ईरान इस समझौते में किसी भी तरह के बदलाव को न अभी स्वीकार करेगा और न ही भविष्य में। ईरान किसी भी दूसरे मुद्दे को न्यूक्लियर डील से जोडऩे की इजाजत नहीं देगा। बता दें कि जुलाई 2015 में ईरान का अमेरिका समेत दुनिया की 6 बड़ी ताकतों के साथ परमाणु समझौता हुआ था, जिसे जॉइंट कॉम्प्रिहेंसिव प्लान ऑफ ऐक्शन नाम से जाना जाता है।
इससे पहले शुक्रवार को डॉनल्ड ट्रंप ने ईरान पर परमाणु प्रतिबंधों की छूट को एक बार फिर बरकरार रखा लेकिन उन्होंने यूरोपियन पार्टनर्स से मांग की कि वे अमेरिका के साथ मिलकर डील की भयंकर गड़बडिय़ों को दूर करें, नहीं तो अमेरिका खुद को इससे बाहर कर लेगा। ट्रंप ने कहा कि नई डील ऐसी होनी चाहिए कि ईरान के मिसाइल कार्यक्रम पर रोक लगे और उसके न्यूक्लियर प्लांट्स पर स्थायी तौर पर प्रतिबंध लग सके।
ट्रंप के इस भाषण के तुरंत बाद ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद जरीफ ने कहा कि 2015 की डील पर फिर से वार्ता नहीं हो सकती। जरीफ ने ट्वीट किया, पर फिर से वार्ता नहीं हो सकती। अमेरिका को लगातार भड़काऊ बयान देने के बजाय डील का पूरी तरह सम्मान करना चाहिए, जैसे ईरान कर रहा है।
जरीफ के ट्वीट के बाद उनके मंत्रालय की तरफ से भी बयान जारी किया गया। बयान में यूएस ट्रेजरी द्वारा शुक्रवार को 14 व्यक्तियों पर मानवाधिकारों से जुड़े मसलों और ईरान के मिसाइल प्रोग्राम को लेकर नये प्रतिबंध लगाए जाने की आलोचना की गई। खासकर ईरान की न्यायपालिका के प्रमुख अयातुल्लाह सादेह लरिजानी का नाम प्रतिबंधित व्यक्तियों की सूची में रखे जाने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की गई।