खंडवा, । धन तो बहुत है लेकिन व्यक्ति नहीं हो तो क्या मतलब। कुछ काम के लिए धन चाहिए और बहुत काम के लिए तन चाहिए और कुछ के लिए जन चाहिए। लेकिन इन सबके होने के बाद भी राधारमण का साथ होना आवश्यक है। भीड़ के लिए कथा करनी होती तो यहां बैठता नहीं। यहां चाहे लोग हो या नहीं मुझे यहां कथा करनी है। आपसे वही कहूंगा जो भागवत में लिखा है। आप यहां से पूण्य लेकर जाएं।
यह बात मयूर विहार में आयोजित श्रीमद् भावगत ज्ञान गंगा यज्ञ महापर्व के एकादषी महोत्सव के प्रथम दिवस पुंडरिक गोस्वामीजी महाराज ने कही। मयूर विहार कॉलोनी में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा भव्य कलश यात्रा के साथ आरंभ हो गई है। इससे पूर्व माता चौक से भव्य कलश यात्रा निकली जिसमें बैंडबाजों, रथ व बग्गी में सवार कथावाचक के साथ ही बड़ी संख्या में भक्तगण मौजूद थे।
इस अवसर पर अनेक स्थानों पर कलशयात्रा की जोरदार अगवानी की गई। माता चौक पर महादेवगढ़ संरक्षक अशोक पालीवाल, पंडित शैलेंद्र पाण्डेय, पिंटू दरबार, राजू यादव, पंकज लाड, राकेश रायकवार, नितेश राठौर व महादेवगढ़ परिवार द्वारा कथा आयोजक सतनाम सिंह होरा का स्वागत करते हुए कलशयात्रा पर फूल बरसाए।