यूपीए की मनमोहन सरकार जब आधार को लेकर आ रही थी तब विपक्ष में बैठी भाजपा ने इसे देश के लिए घातक बताते हुए इसका विरोध किया था। सरकार में आते ही प्रधानमंत्री मोदी ने इसे लागू किया और उसके बाद निजता मामले को लेकर आधार लगातार विवाद में आता चला गया। अब भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के पूर्व अध्यक्ष नंदन नीलेकणि ने योजना का बचाव करते हुए कहा कि आधार को बदनाम करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से अभियान चलाया जा रहा है। गौरतलब है कि आधार डेटा लीक संबंधी एक रिपोर्ट प्रकाशित करने के बाद एक अखबार के खिलाफ एफआईआर की गई, जिसके सवाल पर नंदन ने यह बयान दिया। चूंकि आधार का मामला अदालत में विचाराधीन है तब इस तरह की बात करना भी अपने आपमें अदालती कार्रवाई को प्रभावित करने के दायरे में आ सकता है। इसलिए आमजन तो यही कह रहा है कि आधार के नाम पर किसी भी पक्ष को बदनाम करने की साजिश को रोका जाना चाहिए, क्योंकि मामला कोर्ट में विचाराधीन है।