निज संवाददाता
खरगोन, 1५ जनवरी। श्री नवग्रह मंदिर में ग्रहों के राजा श्री सूर्यदेव की अगवानी का महापर्व मकर संक्रांति महापर्व बड़ी श्रद्धा भक्ति व धूमधाम के साथ मनाया गया। श्रद्धालुओं का उत्साह चरम पर रहा। शहर ही नहीं अपितु समूचे भारत में प्रसिद्ध श्री नवग्रह मंदिर में मकर संक्रांति के महापर्व पर दर्शन के लिए सुबह से ही दर्शनार्थियो की भीड़ जुटने लगी थी, यहां अलसुबह से देरशाम तक लगातार 18 घंटे तक 1 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने दर्शन लाभ लिया।
दर्शन के बाद श्रद्धालुओं द्वारा दान का महत्व होने से कच्ची खिचडी, अनाज, कपड़े, कंबल, शॉल आदि गरीबों, जरुरतमंदों को दान कर पुण्य लाभ लिया। श्रीनवग्रह मंदिर में मकर संक्राति पर्व पर नवग्रहो का भव्य श्रृंगार किया गया। मंदिर के बाहर 108 पंडितों द्वारा श्री सत्यनारायण कथापाठ कराया गया। शाम को 7 बजे महाआरती हुई।
सत्यनारायण कथास्थल पर की विशेष व्यवस्था
तिरुपती बालाजी भक्त मंडल के संरक्षक समाजसेवी रवि जोशी के सहयोग से ब्राह्मणों को सत्यनारायण कथा स्थल की व्यवस्था मंदिर के सामने कराई गई। धर्म जागरण का संकल्प लेते हुए भक्त मंडल ओर रवि जोशी मित्र मंडल के साथियों ने घर-घर जा कर लगभग 2500 परिवारों को पहले लिफाफा भेंट किया, उसमें स्वेच्छा अनुसार दानदाताओ (दाल चावल) ने दान दिया। इस दान सामग्री को नागलवाड़ी में होने वाले भंडारे के लिए भेजा गया। श्रृद्धालुओं के विशाल जनसमूह के लिये लाईन व्यवस्था, रेलिंग व्यवस्था, पार्किंग व्यवस्था, जल व्यवस्था आदि के सारे इंतजाम किये गये थे। पर्व को लेकर विशेषकर महिलाओं में खासा उत्साह रहा इसी के साथ हल्दी कुमकुम की शुरुआत भी हो गई। महिलाओं, सखी सहेलियों ने एक दूसरे को हल्दी-कुमकुम कर वस्तुएं, श्रृंगार का सामान आदि भेंट किए। कई श्रद्धालूओं ने पवित्र नदीयों में डूबकी लगाकर सुर्य देवता को अध्र्य दिया।
श्री नवग्रहों को लगाया 621 किलो तिल मोदक का भोग
पंडित लोकेश जागीरदार ने बताया कि मकर संक्रांति का महापर्व पर नवग्रह की अधिष्ठात्री व अष्टम् महाविद्या श्री बगलामुखी देवी, ग्रहों के राजा श्री सूर्यदेव सहित नवग्रहों का भव्य श्रृंगार किया गया। ब्रह्म मुहूर्त में: मंदिर में विराजमान बगलामुखी देवी, ब्रह्मास्त्र, सूर्यचक्र, सूर्यदेव सहित नवग्रहों का महापूजन, महाश्रृंगार कर प्रथम महाआरती सुबह 7 बजे हुई। नवग्रहों को 621 किलो तिल मोदक की महाप्रसादी का भोग लगाने के बाद दिनभर वितरण होता रहा।