रजत परिहार (09425002527)
भोपाल, 15 जनवरी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वैसे तो सभी क्षेत्रों में अपने कार्यकाल में अच्छे काम किए हैं। लेकिन कुछ काम अभी और करने शेष हैं, जैसे आज भी प्रदेश के दर्जनों गांव ऐसे हैं जहां पर आजादी के बाद से अंधेरा छाया हुआ है और उन गांवों के लोगों को मुख्यमंत्री से उम्मीद है कि हमारे घर भी एक दिन बिजली से रोशन होंगे।
बताया जा रहा है कि प्रदेश के करीब 49 गांव ऐसे हैं, जहां आजादी के बाद से अंधेरा छाया है। इस गांव के लोगों को आज तक यह नहीं पता चल पाया कि बिजली क्या होती है, कैसी होती है, जबकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 21 अगस्त, 2016 को ग्रामीण विद्युत वितरण प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए 1000 करोड़ रूपए खर्च करने का निर्णय लिया था ताकि ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को भी बिजली मिले। साथ ही दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना के तहत ग्रामीण विद्युतीकरण के कार्य निष्पादित हो सकें। ऐसा नहीं है कि इस दिशा में काम नहीं हुआ है, लेकिन आज भी दर्जनों गांव अंधेरे में हैं।
जानकारी के अनुसार वर्ष 2016 में 472 गांव ऐसे थे, जहां पर बिजली नहीं पहुंच पाई थी, लेकिन बिजली कंपनियों और ऊर्जा विकास निगम ने इस आंकड़े को कड़ी मशक्कत के बाद 49 पर ला दिया है। अर्थात 472 गांवों में से 402 में बिजली पहुंच गई है। शेष 49 गांवों में से भी 21 गांवों में काम चालू है। जिसे भी 2019 तक पूरा करने का दावा वितरण कंपनी कर रही है। प्रदेश के 20 गांवों को सोलर से रोशन करने के लिए ऊर्जा विकास निगम काम कर रहा है। वहीं बिजली मामलों के मंत्री पारस जैन तो यह बात कहने से थकते नहीं है कि हम सरप्लस में बिजली बना रहे हैं और दूसरे प्रदेशों को भी मांग के अनुसार बेच रहे हैं, जबकि बिजली मंत्री उज्जैन जिले से संबंध रखते हैं और इसके आस-पास के कई ऐसे गांव हैं, जहां आज भी अंधेरा है। शायद इन ग्रामों की सुध लेने के लिए मंत्री के पास चुनाव जीतने के बाद से आज तक समय नहीं मिला।