नई दिल्ली, 16 जनवरी। खनन क्षेत्र की कंपनी वेदांता ने सरकार से सुस्त पड़े तेल एवं गैस खोज क्षेत्र में विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए पिछली तिथि से जुड़े कर मुद्दे का जल्द समाधान करने को कहा है। वेदांता ने वर्ष 2011 में केयर्न इंडिया का अधिग्रहण करने के बाद तेल कारोबार में प्रवेश किया। उस पर 20,495 करोड़ रुपए का कर मांग बकाया है। यह कर मांग कर विभाग को पिछली तिथि से कर उगाही का अधिकार देने वाले कानून के तहत की गई है। वेदांता ने तेल एवं गैस की खोज और धातु एवं खनिज का खनन राष्ट्रों की समृद्धि की कुंजी शीर्षक के तहत प्रकाशित टेबलॉयड में सरकार से कहा कि विदेशी निवेशकों को सहज बनाने के लिए पिछली तिथि के कर मुद्दे सुलझाए जाने चाहिए। केयर्न इंडिया को 2015 में आयकर विभाग से 20,495 करोड़ रुपए की कर मांग का नोटिस प्राप्त हुआ। यह कर मांग उसकी मूल कंपनी केयर्न एनर्जी पीएलसी को 2006-07 में पूंजीगत लाभ पर विद्होल्डिंग कर की कटौती नहीं करने पर भेजा गया। इस कर मांग में 10,248 करोड़ रुपए का कर और 10,247 करोड़ रुपए का ब्याज शामिल है।