मुंबई, 16 जनवरी। घरेलू दामों में सुधार और रुपए की मजबूती से विदेशी बिक्री आकर्षित न रहने के बाद भारतीय कपास व्यापारियों ने लगभग चार लाख गांठों के निर्यात सौदों का अनुबंध रद्द कर दिया है। भारतीय कपास संघ के अध्यक्ष ने यह जानकारी दी। इस परिवर्तन की वजह से बांग्लादेश, वियतनाम और चीन जैसे प्रमुख बाजारों में कपास खरीदार छूट गए हैं और अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया तथा ब्राजील के आपूर्तिकर्ताओं से यह कमी पूरी की जाने की संभावना है। उन्होंने कहा कि ये अनुबंध रद्द होने तथा स्थानीय दामों के उच्च स्तर के कारण 1 अक्टूबर से शुरू होने वाले 2017-18 के विपणन वर्ष के दौरान भारत का निर्यात पांच लाख गांठ (एक गांठ का वजन 170 किलोग्राम) कम रह सकता है, जो शुरुआती अनुमान में एक तिमाही का निम्र स्तर है। विश्व के सबसे बड़े फाइबर उत्पादक देश की आपूर्ति में कीट संक्रमण से कमी आने के बाद पिछले छह हफ्तों में दाम 15 प्रतिशत से अधिक हो गए हैं। स्थानीय दामों में अचानक बढ़ोतरी की वजह से बांग्लादेश, वियतनाम और चीन के लिए कुछ निर्यात अनुबंध पूरे नहीं हो सके हैं। उन्होंने निर्यात अनुबंध करने वाले व्यापारियों का खुलासा नहीं किया।