सूर्य बीजा मंदिर में पूजन-आरती रोकने 400 का पुलिस बल

निज संवाददाता
विदिशा, 16 जनवरी। एक पखवाड़े से भी ज्यादा समय से विजय मंदिर मुक्ति समिति और सनातन श्री हिंदू उत्सव समिति किलेअंदर स्थित विजय मंदिर में पूजन का आव्हान कर चुकी थी। सोमवार 15 जनवरी को प्रशासन की शक्ति और नियमों के चलते समिति के सदस्यों ने माधवगंज पर सभा के बाद सांकेतिक पूजा अर्चना की, लेकिन जब दर्शन करने के लिए लोगों ने मंदिर की ओर जाने का प्रयास किया तो उन्हें रोक दिया गया। इस प्रक्रिया के लिए प्रशासन के आलाधिकारियों के साथ पुलिस के लगभग 400 जवान तैनात किए गए थे। भोपाल से भी दो कंपनी पुलिस की बुलाई गई थीं।
सोमवार को एक बार फिर विदिशा शहर पुलिस के साये में रहा। खासतौर पर किलेअंदर का बीजा मंदिर क्षेत्र, कोतवाली क्षेत्र और माधवगंज क्षेत्र, जहां भारी संख्या में पुलिस बल मय हथियारों के तैनात किए गए थे। बज्र वाहन, अग्नि शमन यंत्र को भी किसी आपात स्थिति के लिए तैनात किया गया था। उल्लेखनीय है कि ऐसी परिस्थिति चार जनवरी को सागर रोड पर निर्मित हुई थी। सोमवार को विभिन्न संगठनों द्वारा प्राचीन विजय मंदिर में आरती पूजन का आव्हान किया गया था। जिसकी अनुमति प्रशासन और पुरातत्व विभाग ने न देने का ऐलान किया गया था। हालांकि आयोजकों द्वारा प्रशासन को भरोसा दिलाया गया था कि वह फिलहाल सांकेतिक पूजन आरती माधवगंज पर करेंगे और मंदिर की तरफ नहीं जाएंगे। बावजूद इसके पुलिस और प्रशासन की जिस प्रकार से मुश्तैदी देखी गई, उससे यही लग रहा था कि कहीं बड़ी वारदात घटित होने से रोकने की तैयारी है। जिसकी वजह से आयोजकों में भी गुस्सा था और उन्होंने सांकेतिक आरती के बाद किलेअंदर की ओर जाने का प्रयास भी किया था।
विधिवत और कानूनी लड़ाई रहेगी जारी
इस मौके पर बोलते हुए मनोज कटारे ने कहा कि करीब एक माह पूर्व शहर के कुछ चुनिंदा लोगों और सनातन श्री हिंदू उत्सव समिति के साथ मिलकर इस मुद्दे पर चर्चा की गई। सभी ने आज संक्रांति के दिन जब सूर्य नारायण उत्तरायण होते हैं की पूजा करने का मन बनाया। प्रशासन से कई दौर की बातचीत हुई। पुरातत्व विभाग के अधिकारियों से भी चर्चा हुई। जिसमें कुछ चीजें उनके बस में न होने की बात सामने आई। कुछ बातें केन्द्र सरकार के पाले में डाली गई। आगे की लड़ाई कानूनी तौर पर और विधि संवद लडऩे के साथ केन्द्र सरकार से भी इस मामले में नियमों में परिवर्तन करने के लिए चर्चा की जाएगी।
उन्होंने कहा कि जब प्रशासन को माधवगंज पर ही सांकेतिक आरती और पूजा करने का भरोसा दिलाया था। फिर इतनी तादात में पुलिस बल तैनात करके शहर का माहौल प्रशासन ही बिगाड़ रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि विवाद तब होता जब कोई इस पर आपत्ति उठाता। मुस्लिम वर्ग से भी इसमें किसी प्रकार की कोई आपत्ति नहीं उठाई गई, फिर प्रशासन और पुरातत्व विभाग किस बात को लेकर अपनी जिद पर अड़ा है। यह संघर्ष और लड़ाई आगे भी जारी रहेगी।
इस सभा के दौरान कुछ ऐसे वक्ता भी थे, जिन्होंने इस गंभीर विषय पर उकसाने जैसी बातें कही थीं। पुलिस और प्रशासन की मौजूदगी को देखते हुए सभा स्थल पर मौजूद लोग विफर गए और उन्होंने पहले से तय सांकेतिक पूजा अर्चना के बाद दर्शन के लिए किलेअंदर तक जाने की कोशिश भी की। जिसे तैनात पुलिस ने रोक लिया। इस मौके पर भाजपा अंत्योदय समिति के जिला संयोजक मनोज कटारे, पूर्व वित्तमंत्री राघवजी भाई, पंडित नंदकिशोर शास्त्री, सनातन श्री हिंदू उत्सव समिति के अध्यक्ष संजीव शर्मा, अतुल तिवारी, देवेन्द्र राठौर, अर्पित उपाध्याय, आशा सिंह राजपूत, राजीव लोचन पांडे, तीरथ दरबार आदि मौजूद थे।