परित्यक्त शिशुओं का सहारा बनेगा मिशन पालना

निज संवाददाता
भोपाल, 16 जनवरी। प्रदेश में आये दिन जन्मदाता माता-पिता द्वारा बच्चों को परित्याग कर उन्हें एकांत स्थान पर छोडऩे पर शिशु को शारीरिक क्षति पहुँचने की संभावना रहती हैं। उक्त शिशुओं की उचित देखरेख के लिए मिशन पालना का शुभारंभ बाल दिवस पर भोपाल जिले से किया गया है। जिसके अंतर्गत प्रत्येक जिला एवं विकासखण्ड में बाल देखरेख संस्थान, स्वधार गृह, अल्पावास गृह, अस्पताल, नर्सिंग होम, रेल्वे स्टेशन, मंदिरों एवं अन्य सार्वजनिक स्थलों जहाँ नवजातों के विषम अवस्था में पाए जाने की सर्वाधिक संभावना होती हैं, ऐसे स्थलों पर आदर्श पालना की स्थापना की जाना है एवं उसकी सुरक्षा संबंधित थाना क्षेत्र के बीट प्रभारी द्वारा सुनिश्चित की जाएगी।
मिशन पालना के अंतर्गत आदर्श पालना की स्थापना करने के इच्छुक व्यक्ति या संस्थायें जिला महिला सशक्तिकरण कार्यालय में सम्पर्क कर सकते हैं। मिशन पालना के अंतर्गत आदर्श पालना जमीन से कम से कम 04 फीट उँचाई पर होना चाहिए, वह ग्रिल से कवर्ड हो एवं उसमें आरामदायक गद्दा बिछाया गया होना चाहिए। वह मच्छरदानी से पूर्ण रूप से ढका होना चाहिए और ऊपर से किसी पतली जाली से ढका होना चाहिए। पालना के पास एक मैन्युअल एवं इलेक्ट्रिक घंटी लगी होना चाहिए।
समेकित बालसंरक्षण योजना के प्रावधानुसार प्राथमिक स्वास्थ केन्द्रों, अस्पतालों, नर्सिंग होम, बाल देखरेख संस्थान, स्वधारगृह, अल्पावासगृह में शिशु पालना स्थल की स्थापना किये जाने का प्रावधान हैं।
अत: जिला व विकासखण्ड स्तर से अस्पताल, प्राथमिक स्वास्थ केन्द्र, अस्पताल नर्सिंग होम में पालना स्थापित किये जाने के लिए जिला बाल संरक्षण इकाई को परित्यक्त शिशुओं को सुरक्षित रूप से प्राप्त करने, सुरक्षित स्थान जहाँ शिशु का परित्याग करने वाले पालक अभिभावक की गोपनीयता भी सुनिश्चित हो सके।