सिटी रिपोर्टर
भोपाल, 16 जनवरी। स्कूली बच्चों की सुरक्षा के लिए स्कूल और स्कूली बसों की नियमित मॉनीटरिंग करने के लिए एक जुलाई से शुरु किया गया जागरुक भोपाल पोर्टल पर सोमवार को डेडलाइन खत्म होने के बाद भी 525 स्कूल संचालकों ने जानकारी अपलोड नहीं की है, जिससे मंगलवार को इन स्कूलों की मान्यता रद्द करने या एफआईआर कराने की कार्रवाई की जा सकती है।
इंदौर में स्कूली बस हादसे के बाद राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग ने सख्ती दिखाते हुए प्राइवेट स्कूल संचालकों को सोमवार को जागरुक भोपाल पोर्टल पर जानकारी अपलोड करने की हिदायत दी थी, जिसमें स्कूल बसों में जीपीएस, कैमरा, महिला अटेंडर, ड्राइवर और कंडक्टर का वेरिफिकेशन सहित अन्य जरूरी जानकारी अपलोड करना थी, लेकिन अल्टीमेटम के बाद भी तीन दिन में सिर्फ 23 स्कूलों ने ही जानकारी अपलोड की है, जबकि 63 स्कूलों ने पहले ही अपडेशन कर लिया था। इसमें से 12 स्कूलों को पूरी जानकारी अपलोड करने पर कम्लीशन सर्टिफिकेट भी दिया गया है। हालात यह हैं कि करीब 80 फीसदी स्कूल संचालकों ने पोर्टल को लागइन ही नहीं किया है। जबकि बीस फीसदी स्कूल संचालकों ने पोर्टल पर अधूरी जानकारी अपलोड की है। जिला प्रशासन ने स्कूल संचालकों को सोमवार रात 12 बजे तक जानकारी अपलोड करने की मोहलत दी थी।
स्कूल बसों में नहीं महिला अटेंडर
जिन स्कूल बसों में छात्राएं सफर करती हैं, उनमें एक महिला अटेंडर रखना जरूरी है। इसके बाद भी स्कूल संचालकों ने महिला अटेंडर तैनात नहीं किए हैं। जिससे पुरुष अटेंडर ही बसों में तैनात हैं। स्कूल संचालक बसों में महिला अटेंडर तैनात करने में भी आनाकानी कर रहे हैं।
कल से नहीं चलेंगी स्कूली वैन
भोपाल। जिला प्रशासन और ट्रेफिक पुलिस के डर से बुधवार से शहर के स्कूली वैन संचालक हड़ताल पर जा रहे हैं। जिससे बच्चों को स्कूल भेजने में दिक्कत होगी। स्कूल वाहन चालक सेवा समिति ने ड्राइवरों के सत्यापन को लेकर स्कूली वैन बंद रखने का फैसला लिया है। वाहन चालक संघ का कहना है कि थानों में ड्राइवरों के सत्यापन को लेकर दुव्र्यवहार किया जा रहा है। वर्तमान में जिला प्रशासन द्वारा स्कूल वाहनों की जांच की जा रही है। जिसमें वाहन चालकों से चरित्र सत्यापन की मांग की जा रही है। इस संबंध में ऑनलाइन सत्यापन करने में दिक्कत आ रही है। संघ के अध्यक्ष शिवकुमार सोनी का कहना है। ट्रेफिक पुलिस की कार्रवाई के वजह से रात भर थानों में वाहन खड़ा करना पड़ता है। जिससे चालकों को रात भर वाहनों में सोना पड़ता है। जिसको लेकर 17 जनवरी से वैन संचालक हड़ताल पर रहेंगे।