निज संवाददाता
भोपाल, 16 जनवरी। वल्लव भवन को पेपर लैस मंत्रालय करने की तैयारी अंतिम चरणें पर है। 26 जनवरी के बाद मंत्रालय में फाइलें ऑनलाइन हो सकती है। इसके लिए हर विभाग के लिपिक से लेकर मुख्य सचिव तक को ई:ऑफिस पर काम करने का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। मंत्रालय के बाद विभागाध्यक्ष कार्यालय और फिर संभाग एवं जिलों में ई:ऑफिस की शुरुआत होगी।
बताया जाता है कि सामान्य प्रशासन विभाग आगामी कैबिनेट बैठक में अनुमोदन के लिए ई:ऑफिस का प्रस्ताव रखे जा सकता है। मुख्यमंत्री अभिभाषण में इ:ऑफिस का उल्लेख कर सकते हैं। फरवरी से मंत्रालय में ई:ऑफिस पर कार्य होने के आसार नजर आने लगे है।
इ:ऑफिस में फाइलों का रुकाव नहीं होगा और कार्यो में तेजी आने की संभावना है। सूत्र बताते है कि लिपिक से लेकर मंत्री के अनुमोदन तक फाइल समय सीमा में निपटेगी। यदि किसी स्तर पर फाइल अटकती है तो उसका लिखित कारण बताना होगा तभी फाइल पीछे लौटेगी न ही आगे बढ़ेगी। खास बात यह है कि अब अधिकारियों को फाइलों पर हस्ताक्षर करने की आवश्यकता नहीं पडग़ी। फाइलों के लॉगिन से खुलना व सही होना अनुमोदन माना जाएगा। हालांकि डिजिटल हस्ताक्षर एवं फिंगर स्क्रीन राइटिंग का सॉफ्वेयर में प्रावधान किया जा रहा है। मंत्रियों के लिए फाइल के आखिरी दो पेज का प्रिंट आउट देना होगा। लेकिन मंत्री भी ऑनलाइन फाइल निपटाएंगे। इसके लिए मंत्रियों के स्टाफ एवं ओएसडी को प्रशिक्षित किया जा चुका है।
ई:ऑफिस के लिए सबसे अनुकूल कंप्यूटर
मंत्रालय में इ:ऑफिस का काम राज्य इलेक्ट्रॉनिक विकास निगम एवं एनआईसी के द्वारा किया जा रहा है। इसके लिए सभी विभागों के सेक्शनों में 500 से ज्यादा लेटेस्ट कंप्यूटर 3 जीबी रेम आई 3 वर्जन एवं 140 हाईटेक स्कैनर का सेटअप लगाया चुका है। स्कैनर 1 मिनट में 100 पन्नों की फाइल को स्कैन कर अपलोड करने की क्षमता रखता है। जो कंप्यूटर लगाए गए हैं वे ई:ऑफिस के लिए अनुकूल हैं। जो अब तक की सबसे लेटेस्ट तकनीक से लैंस हैं।